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रामदेव-एलोपैथी विवाद में नया ट्विस्ट, कोर्ट में याचिका दायर; आईएमए से मांगा जवाब


  • नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), उसके अध्यक्ष, सचिव और अन्य से एक दीवानी मुकदमे में जवाब मांगा, जिसमें आयुर्वेदिक उपचार और दवाओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने की मांग की गई है।

सिविल न्यायाधीश दीक्षा राव ने राजेंद्र सिंह राजपूत द्वारा दायर एक मुकदमे पर आईएमए, उसके अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल, सचिव डॉ जयेश लेले, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और भारतीय मानक ब्यूरो को नोटिस जारी किया और नौ जुलाई तक उनका जवाब मांगा। अधिवक्ता भरत मल्होत्रा के माध्यम से दायर मुकदमे में अदालत से जयलाल, लेले और आईएमए को आयुर्वेद उपचार के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोकने का आग्रह किया गया है। इसमें न्याय के हित में आयुर्वेद में विश्वास करने वाले लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करने का भी अनुरोध किया गया है। कोविड-19 टीकाकरण और एलोपैथिक दवा की प्रभावकारिता के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद योग गुरु रामदेव और आईएमए प्रमुख के बीच जारी खींचतान के बीच अदालत का यह निर्देश आया है।

याचिकाकर्ता ने आईएमए अध्यक्ष और सचिव को किसी भी धर्म का प्रचार करने या हिंदुओं या अन्य की भावनाओं को आहत करने के लिए आईएमए के मंच का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया है। इसमें आईएमए के शीर्ष अधिकारियों से एक धर्म के प्रचार और आयुर्वेदिक दवाओं या उपचार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सार्वजनिक लिखित माफी मांगने को कहा गया है।