नयी दिल्ली (आससे)। कृतज्ञ राष्ट्र ने आज स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें याद किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि स्वामीजी समूची मानवता, खास तौर पर युवाओं के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। उन्होंने भारत की अध्यात्मिक विरासत में नये जीवन का संचार किया और उसे विश्व में केन्द्रीय स्थान दिलाया। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के उपदेश सभी को प्रेरणा देते हैं।उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वामी विवेकानंद असाधारण प्रतिभा वाले विद्वान के साथ-साथ अनोखे वक्ता और सच्चे राष्ट्रवादी थे। उन्होंने कहा कि विश्व बंधुत्व का स्वामी विवेकानंद का संदेश आज शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने समाज की बेहतरी के लिए कार्य किया और उनके उपदेश हमसब का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद को,हिन्दू धर्म, भारत और उसकी समृद्ध संस्कृति की ओर दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने के लिये हमेशा याद किया जाता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुये ट्वीट किया कि स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों और कार्यों से भारत की संस्कृति और मूल्यों को सर्वश्रेष्ठ रूप में साकार किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को भारतीय युवाओं पर पूरा भरोसा था। गृहमंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये ट्वीट में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया भर में भारत के ज्ञान, संस्कृति और दर्शन की गरिमा बढ़ायी है।
गृहमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के प्रगतिशील और प्रेरक विचारों को आत्मसात करके, देश के युवा भारत को फिर से विश्व शिखर पर पहुंचा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि देश के महान आध्यात्मिक नेताओं में प्रमुख स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारतीय आध्यात्म, वेदांत और योग से परिचित कराया। 1893 में विश्व धर्म संसद में दिये गये उनके प्रसिद्ध भाषण के बाद वे लोकप्रिय हो गये। विवेकानंद आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे। वे रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन के संस्थापक रहे। स्वामी विवेकानंद की जयंती देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाई जाती है।