लखनऊ (आससे)। यूपी सरकार ने रेलवे की जमीन पर निर्माण के लिए भू-उपयोग परिवर्तन कराने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यह सुविधा कुछ शर्तों के साथ दी गई है। रेलवे की जमीन पर होने वाला निर्माण महायोजना के अनुरूप होना चाहिए और इसके एवज में उसे वाह्य विकास शुल्क देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर विकास प्राधिकरण क्षेत्र के तहत रेलवे की जमीन का आवासीय या व्यवसायिक निर्माण के लिए भू-उपयोग परिवर्तन कराने की अनिवार्यता थी। इससे रेलवे की जमीन पर निर्माण को लेकर बाधा आती थी। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की जमीन पर भू-उपयोग के इतर दूसरा निर्माण कराया जाना है। इसको लेकर आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। इसके आधार पर आवास विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक भविष्य में रेलवे की जमीन पर आवासीय, व्यवसायिक या फिर अन्य किसी निर्माण के लिए भू-उपयोग बदलवाने की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। रेलवे द्वारा अपने जमीन पर व्यवसायिक निर्माण कराने पर उस क्षेत्र में वाह्य अवस्थापना सुविधाओं और यातायात का दबाव बढ़ेगा। इसलिए नियमानुसार वाह्य विकास शुल्क देना होगा। संबंधित स्थान से सटे हुए महायोजना में प्रस्तावित भू-उपयोग के आधार पर निर्माण करना होगा।