- वाराणसी की सप्तसागर दवामंडी में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब वहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रसाधन विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की. इस छापे के दौरान वहां से भारी मात्रा में नशीले कफ सीरप की बड़ी खेप बरामद की गई. जिसकी कीमत लगभग दो करोड़ के आस-पास है. बता दें कि सप्तसागर दवामंडी से पूर्वांचल से लेकर बिहार और उत्तर भारत तक दवाओं की सप्लाई होती है.
वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र की सप्तसागर दवामंडी में एक इमारत के गोदामों पर छापेमारी के दौरान कोडिन नशीला रसायन युक्त डेढ लाख अवैध कफ सीरप बरामद किया गया. जिसकी अनुमानित कीमत लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है. छापेमारी के दौरान खास बात यह निकलकर आई कि अवैध नशीले सीरप की सप्लाई चुनावी राज्यों जैसे पं बंगाल और असम में बड़ी मात्रा में होती थी.
चुनावी राज्यों में नोट और शराब पर पैनी नजर रहती है, लेकिन दवा पर शायद की किसी को शक हो. इसी बात का फायदा उठाकर नशीले कफ सीरप की बड़ी मात्रा में सप्लाई बेरोक टोक होती रहती है. लेकिन इस अवैध नशे के कारोबार पर एनसीबी और ड्रग विभाग ने छापा मारकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. सप्तसागर पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवामंडी मानी जाती है. जहां ‘ज्ञानमंडल प्लाजा’ के दूसरे तल पर छापा मारकर डेढ लाख अवैध कफ सीरप से भरी शीशियों को बरामद किया गया. कुल तीन अलग-अलग कंपनियों की लाखों शीशियों को तीन गोदामों से बरामद किया गया है.
ड्रग विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण गोपाल गुप्ता ने बताया कि एनसीबी, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट और पुलिस तीनों के सहयोग से छापेमारी की गई है. डेढ़ लाख कोडिन युक्त सीरप तीन कंपनियों एक विंग्स बायोटेक कंपनी का ओनरेक्स नाम से, दूसरा आरसीरेक्स और तीसरा फेंसिरेक्स नाम से बरामद हुआ है. बरामद डेढ़ लाख शीशियों की कीमत लगभग पौने दो करोड़ सौ दो करोड़ आएगी, लेकिन अभी गिनती जारी है.