निर्णय के समय कहां था विपक्ष, 26 को दिलायी जायेगी शपथ
(आज समाचार सेवा)
पटना। शराबबंदी को लेकर लिये गये सख्त फैसले के बाद विपक्ष के आरोपों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह कानून बना था उस वक्त वे कहां थे। शराबबंदी को लेकर बने मान श्रृखंला में तो साथ थे। अब क्या हो गया। जिस वक्त कानून बना था उस वक्त तो विभाग के मंत्री कांग्रेस के थे। विधानमंडल में जब सदस्यों को शपथ दिलायी जा रही थी उस वक्त तो वे साथ र्थे। मुख्यमंत्री गुरूवार को दिल्ली में शराबबंदी की विपक्ष द्वारा आलोचना किये जाने से संबंधित सवाल पत्रकारों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी करने का विचार उनके दिल २०१५ में एक कार्यक्रम में महिलाओं की मांग पर आ गया था। उस वक्त कहा था कि अगली बार सरकार में आयेंगे तो शराबंबदी लायेंगे। चुनाव बाद महागंठबंधन की सरकार बनी। शराबबंदी एक अप्रैल २०१६ ये लागू किया गया। इससे पूवर्क शराबबंदी के खिलाफ मानव श्रृंखला व विधानमंडल में शपथ दिलायी गयी थी। उस वक्त तो सभी ने खड़े होकर शराबबंदी के समर्थन में शपथ लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं वे कभी अपने क्षेत्र में जाकर हालात का जायजा लेते भी हैं क्या। बोलने के लिए तो बहुत कुछ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि २६ नवंबर को एक बार फिर सरकारी कर्मियों एवं जन प्रतिनिधियों को शपथ दिलायी जायेगी। इसके अतिरिक्त शराबबंदी के समर्थन में जन जागरूकता अभियान मजबूती से चलाया जायेगा। दिवालों पर इसके समर्थन में श्लोगन लिखे जायेंगे।
लोजपा रामविलास अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा शराबबंदी को लेकर उठाये गये सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी उनकी उम्र कम है। वे कब कहां रहते हैं पता रहता भी है क्या। यूपी चुनाव के बावत कहा कि पार्टी के तीन शीर्ष नेता भाजपा से बातचीत कर रहे हैं।