इस बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने मंत्रालय को बताया है कि शिक्षकों के करीब पांच हजार खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। साथ ही इनके चयन की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। अन्य संस्थानों ने भी जल्द ही रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी करने की बात कही है।
शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों का ध्यान उस ओर भी आकृष्ट कराया है, जिसमें सालभर के भीतर खाली पदों को भरने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि शिक्षकों के पदों का खाली होना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसे में संस्थानों को पहले से ही खाली हो रहे पदों को भरने के लिए योजना बनानी चाहिए, जिससे इन पदों को भरने के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े।
देश में वर्तमान समय में लगभग 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जिनमें लंबे समय से शिक्षकों के ये पद खाली पड़े हुए हैं। इन पदों के खाली रहने के पीछे कई तरह की अड़चने थीं। इनमें ज्यादातर संस्थानों में प्रमुखों के पदों का रिक्त होना था। ऐसे में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही थी। हाल ही में मंत्रालय ने इन रिक्त पदों को भरने का काम किया है, ताकि भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।