समावेशी विकास के लिए शिक्षा व्यवस्था को चुस्त – दुरुस्त करना जरूरी : ताबिंदा
पैन इंडिया अमृत महोत्सव के तहत डालसा के सौजन्य से बुधवार को कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय रनिया में विधिक सहायता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में नशा मुक्ति असंगठित मजदूर, शिक्षा का अधिकारी, विधिक सेवा आदि की जानकारी दी गयी। मौके पर अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी ताबिंदा खान ने कहा कि शिक्षा किसी भी परिवार, समाज और देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि जब हम बच्चों को सही शिक्षा देंगे, तभी हम योग्य और कुशल मानव संसाधन का विकास कर सकते हैं। एसडीजेएम ने कहा कि समावेशी विकास के लिए शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना जरूरी है। अधिवक्ता मुकुल कुमार पाठक ने असंगठित मजदूरों की समस्याओं और उनके कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अधिवक्ता विजय कुमार दास ने नशा मुक्ति और मदन मोहन राय ने विधिक सेवा के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। कार्यक्रम में पीएलवी चंद्रमुनी तुबीद,नामलेन टोपनो, सनिका स्वांसी के अलावा स्कूल की प्रधानाध्यापिका, शिक्षक और छात्राएं मौजूद थीं।