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Jharkhand कब्र से निकाला गया पहाड़िया बच्‍ची का शव पोस्‍टमार्टम के बाद मौत पर उठ रहे सवालों पर लगेगा विराम


जाटी, पतना/साहिबगंज। : पाकुड़ जिले के लब्दा मिशन स्कूल में पढ़ने वाली पतना प्रखंड के गुम्मा पहाड़ की पहाड़िया बच्ची की मौत के कारणाें की पड़ताल के लिए शुक्रवार कब्र खोदकर उसका शव निकाला गया। शव को पहले सदर अस्पताल लाया जाएगा, जहां से उसे दुमका मेडिकल कालेज भेजे जाने की उम्मीद है क्योंकि सदर अस्पताल में फारेंसिक विशेषज्ञ नहीं हैं।

दफनाने के चार दिन बाद शव को कब्र से निकाला गया

शव निकलवाने के लिए सुबह करीब 5.30 बजे ही बरहड़वा इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार के नेतृत्व में रांगा, बरहेट, बरहड़वा व कोटालपोखर के थाना प्रभारी पहुंचे। मौके पर मजिस्ट्रेट के रूप में पतना बीडीओ सुमन सौरभ मौजूद थे। शव निकालने से पहले प्रार्थना हुई। करीब सात बजे शव निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। उसे निकालने में करीब घंटे भर का समय लगा। रात भर गांव में पुलिस तैनात थी। चार दिन बाद शव निकाला गया। 24 जुलाई को उसे दफनाया गया था।

आधार कार्ड के अनुसार किशोरी की उम्र 12 साल थी। वह दूसरी कक्षा में पढ़ती थी। गौरतलब हो कि 23 जुलाई की सुबह पाकुड़ जिले के लब्दा मिशन स्कूल की तीन नाबालिग पहाड़िया बच्चियों को बरहेट के चंद्रगौड़ा मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक बच्ची की मौत हो गई थी, तो दो का इलाज वहां चल रहा है। 26 जुलाई को यह मामला लोगों के बीच आया, जिसके बाद मामले की जांच पड़ताल शुरू हुई। अस्पताल प्रबंधन ने मौत का जो कारण बताया उसमें विरोधाभास था।

अब मौत का सच निकलकर आएगा सामने

मौत के कारणों की सत्यता का पता लगाने के लिए शव को कब्र से निकलवाया गया है। इससे पूर्व मामले की जांच के लिए उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देश पर सिविल सर्जन डा. रामदेव पासवान ने बरहेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. हेमंत मुर्मू के नेतृत्व में महिला चिकित्सक डा. पूनम कुमारी, डा. पंकज कर्मकार व मीना देवी की टीम गठित की जिसने गुरुवार को प्रेम ज्योति कम्युनिटी सेंटर (चंद्रगोड़ा) पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। इसके बाद सीएस डा. रामदेव पासवान स्वयं भी अस्पताल पहुंचे और पूरे प्रकरण की जांच की।

मौत के कारण पर अभी भी प्रश्‍नचिन्‍ह

उधर, मृतका के पिता ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बेटी के बीमार होने की बात कही। इसके बाद वे अस्पताल पहुंचे। वहां बताया गया कि बच्ची का इलाज चल रहा है। कुछ देर बाद बताया गया कि उसकी मौत हो गई है। बाद में शव को निजी वाहन से उसके घर तक पहुंचा दिया गया, जिसके बाद उन लोगों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

स्कूल प्रबंधन व चिकित्सक ने मौत का कारण नहीं बताया। उसने इसकी जांच कराने की मांग की। इसके बाद बरहड़वा एसडीपीओ प्रदीप उरांव, पतना बीडीओ सुमन कुमार सौरभ, रांगा थाना प्रभारी अमन कुमार सिंह, बरहेट थाना प्रभारी गौरव कुमार, बरहड़वा थाना प्रभारी प्रियेश प्रसून, कोटालपोखर थाना प्रभारी सतीश आशीष तिर्की पुलिस बल के साथ पहुंचे।

पुलिस पोस्टमार्टम के लिए शव निकालना चाहती थी, लेकिन स्वजनों ने इंकार किया। समझाने के बाद स्वजन शव निकालने काे तैयार हो गए। लेकिन रात और गांव से दूर पहाड़ पर शव दफनाए जाने की वजह से शुक्रवार की सुबह उसे निकालने का निर्णय लिया गया। उधर, पाकुड़ एसडीपीओ अजित कुमार विमल ने अस्पताल पहुंचकर बच्चियों से पूछताछ की। बताया कि पुलिस अधिकारी हर बिंदु पर जांच कर रही है।