साल का सबसे लंबा और आखिरी चंद्र ग्रहण अब समाप्त हो चुता है. भारत के कई हिस्सों में ये ग्रहण पूर्ण रूप से तो कुछ जगहों पर आंशिक रूप में दिखाई दिया है. इसे ब्लडमून और सुपरमून के नाम से भी जाना जा रहा है. ज्योतिषीयों का कहना है कि ऐसा चंद्र ग्रहण के लिए अब 3 साल का इंतजार करना होगा. जी हां, साल 2025 में अब इस तरह का ग्रहण देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है. इस दौरान कई तरह के कामों को करने की मनाही होती है. भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने के साथ-साथ, खाना पीना, सोना, बाल काटना, नाखून काटना आदि सभी चीजों को करना मना होता है. कहते हैं कि ग्रहण काल के दौरान एक स्थान पर बैठकर भगवान का स्मरण, मंत्र जाप और स्तुति आदि करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ग्रहण के समाप्त होने के बाद व्यक्ति को तुरंत कुछ कामों को करना चाहिए. – ग्रहण के बाद घर का शुद्धिकरण किया जाता है. घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें. इससे ग्रहण के दुष्प्रभावों का असर खत्म हो जाता है. – ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें. इससे सभी प्रकार के दुष्प्रभाव दूर होते हैं. इस दौरान पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. साथ ही, नए और साफ कपड़े पहनें. – जल में तुलसी के पत्ते डालकर ग्रहण करना चाहिए. – स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, चंद्र देव और भगवान शिव की उपासना की जाती है. माना जाता है कि इससे चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं. भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इसके साथ ही, ऐसा भी कहा जाता है कि चंद देव से जुड़े दोषों से भी व्यक्ति को छुटकारा मिलता है.-ग्रहण के बाद अपने हाथों के कुछ सफेद चीजें जैसे दूध, चावल, चीनी, सफेद खाद्य पदार्थों आदि का दान अवश्य करना चाहिए. – घर और मंदिर में अच्छे से गंगाजल छिड़कने के बाद ही भगवान की पूजा-आरती करनी चाहिए.