रांची, Hemant Soren News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद से ही सरकार द्वारा बनाई गई कई नीतियों का मामला कोर्ट-कचहरी तक पहुंचता रहा है। अदालतों में सरकार को इन नीतियों की खामियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। इन मामलों में अदालतों के फैसले सरकार के पक्ष में नहीं आए, लेकिन वर्तमान सरकार में उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर मुकदमों में सरकार के पक्ष में फैसले आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ये बातें गुरुवार को उनके आवास पर अभिनंदन करने पहुंचे नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को कहीं। ये उन 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षक थे जिन्हें बहाल रखने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है।
राज्यवासियों को मिल रहा है सीधा फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पक्ष में फैसले आने का नतीजा है कि हमारी नीतियों का राज्यवासियों को सीधा फायदा मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मुखिया होने के नाते वे एक ओर राज्य को बेहतर दिशा देने का काम कर रहे हैं, वहीं व्यवस्था में वर्षों से चली आ रही खामियों को दूर करने का प्रयास भी लगातार जारी है। पूर्व सरकारों की गलत नीतियों का खामियाजा राज्यवासियों को भुगतना पड़ा है।
शिक्षकों की परेशानियों को देखकर परेशान रहें मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा, हमारी सरकार अब सिस्टम को सुव्यवस्थित कर रही है, ताकि राज्य वासियों की समस्याओं का समाधान निकल सके। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षकों से कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी शिक्षक परेशान रहे। उनका मामला सर्वोच्च न्यायालय तक चला गया। कहा, उनकी परेशानियों को देखकर वे भी लगातार परेशान रहे।
उचित हक और अधिकार मिले, सरकार की विशेष प्राथमिकता
उन्होंंने कहा कि सरकार के अंग के रुप में काम करने वालों को उनका उचित हक और अधिकार मिले, यह सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है। जो भी सरकार की व्यवस्था से जुड़कर काम कर रहे हैं, उनकी मांगों और समस्याओं का समाधान किया जा रहा है, क्योंकि उनके सहयोग से ही राज्य में विकास की गति को तेज किया जा सकता है। इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम, जोबा मांझी, सत्यानंद भोक्ता तथा विधायक उमाशंकर अकेला, बैद्यनाथ राम एवं रामचंद्र सिंह मौजूद थे।