- तालिबान के अधिकारियों ने कहा कि संगठन ने अफगानिस्तान के 85 फीसदी से ज्यादा इलाकों पर कब्जा कर लिया है। इस बीच पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता ने कहा कि देश अफगानिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति से पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और इस्लामाबाद, अफगानिस्तान शांति समझौते का समन्वयक है, वह इसके लिए जवाबदेह नहीं है। मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अफगानिस्तान पर आतंक के बादल मंडरा रहे है।
मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने ‘एआरवाई न्यूज’ से शनिवार रात कहा, ”पाकिस्तान, अफगानिस्तान शांति समझौता का सिर्फ समन्वयक है, वह इसके प्रति जवाबदेह नहीं है।” उन्होंने कहा, ”अफगान के विभिन्न हितधारकों के बीच पाकिस्तान का कोई पसंदीदा पक्ष नहीं है। अफगानिस्तान को खुद अपना नेतृत्व चुनना है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में गृह युद्ध होने की स्थिति से यहां पड़ने वाले प्रभाव से बिल्कुल अवगत है और इससे निपटने के कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और देश के साथ लगती 2,611 किलोमीटर की सीमा में से 90 फीसदी से अधिक पर बाड़ लगा दी गई है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अफगान शरणार्थियों के यहां आने की आशंका भी है और गृह मंत्री ने इसके लिए भी आकस्मिक योजना तैयार की है। उन्होंने अफगान बलों पर चुटकी लेते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में अफगान नेशनल आर्मी को अमेरिकी सेना ने प्रशिक्षित किया है लेकिन वे तालिबान को रोकने में अब तक विफल रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 साल का सैन्य मिशन 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा।