बीजिंग(एजेंसी)। भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश का खुलासा हुआ है। नई सैटेलाईट तस्वीरों से पता चला है कि चीन तिब्बत के सिगाटसी में एक प्रमुख सैन्य लॉजिस्टिक्स हब के रूप में काम कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपनी सभी गतिविधियों को चलाने के लिए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की चीन की एक चाल है। यह चित्र सोमवार को ट्विटर पर डेट्रेसफा नाम का इस्तेमाल करने वाले ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विश्लेषक ने शेयर किया है। यह चित्र दर्शाता है कि सिगाटसी हवाई अड्डे के दक्षिण में एक बुनियादी ढांचा खड़ा किया जा रहा है जो इसे एक रेल टर्मिनल से जोड़ता है। इस इमेज से साफ पता चल रहा है कि यह ढांचा उस लॉजिस्टिक हब का हिस्सा है ।
जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए खड़ा किया जा रहा है। इस सैटेलाईट इमेज में निर्माणाधीन ढांचे में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट, एक संदिग्ध सैन्य सहायता इमारत, एक नया रेलवे टर्मिनल और नई रेलवे लाइन और एक संभावित फ्यूल डंप हैं। इस इमेज में एक नई विकसित भूमिगत सुविधा भी दिख रही है। अभी की सैटेलाईट इमेज में दिख रही यह भूमिगत सुविधा पहले ली गई इमेज में दो सुरग के द्वार जैसे दिख रहे थे। उनके अनुसार यह भूमिगत सुविधा शायद वह जगह हो जहाँ मिसाइल सिस्टम को स्टोर किया गया हो। फिलहाल भारतीय अधिकारियों ने इस विषय पर कोई टिप्पणीं नहीं दी है। सिगाटसी का रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है और यह सैनिकों और सैन्य हार्डवेयर की आवाजाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन की योजना है कि वह सिगाटसी के माध्यम से नेपाल की सीमा तक अपनी ताकत का विस्तार करे।
फॉर्स एनालिसिस में कार्यरत सुरक्षा विश्लेषक सिम टैक ने बताया कि सैटेलाईट इमेज के रूप में इस बात के बहुत सारे सबूत है कि तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चीन की रसद सुविधाएं और कनेक्टिविटी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि सैटेलाइट इमेजरी में अक्साई चिन से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी पर सैन्य अभियानों का समर्थन करने के लिए इस बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जा रहा है या बनाया जा रहा है। सुरक्षा विश्लेषक सिम टैक के अनुसार चीन का इस ढांचे में रेल कनेक्टिविटी और उपयोगिताओं के निर्माण का उद्देश्य तिब्बत और चीन के अन्य हिस्सों से तिब्बत में बड़ी संख्या में सेना को जल्दी से भेजने का है। हाल ही की सैटेलाइट इमेजरी से यह भी पता चला है कि चीन भारत और भूटान के साथ विवादित सीमाओं के साथ-साथ विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश के निर्जन हिस्सों में गाँवों की स्थापना कर रहा है।