- पंजीशर में तालिबान को हुआ बड़ा नुकसान , मारे गए कई लड़ाके प्रतिशोध बल ने कहा, हम अफगानिस्तान में उम्मीद की किरण वापस ला रहे हैं पंजशीर घाटी में अहमद मसूद और सालेह ने मिलकर प्रतिशोध बल तैयार किया
काबुल : तालिबान को पंजशीर प्रांत में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा के खिलाफ लड़ाई में भारी नुकसान हुआ है । अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा क्षेत्र जो तालिबान के लिए आफत बना हुआ है और तालिबानी लड़ाकों से जमकर मुकाबला कर रहा है ।
प्रतिरोध बल अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर संघर्ष के बारे में बराबर जानकारी दे रहे हैं , जिससे लोगों में अभी भी उम्मीद बाकी है कि अफगानिस्तान को तालिबान से आजादी मिल सकती है । यहां तक कि तालिबान को पाकिस्तान और चीन जैसे देशों ने भी अपने समर्थन दिया ।
पंजशीर प्रांत के प्रतिरोध ने अपने ट्विटर प्रोफाइल के माध्यम से सूचित किया, “प्रतिरोध बलों और तालिबान के बीच युद्ध जारी है … हमारी सेनाएं पहाड़ों की चोटी पर हैं … हम अफगानिस्तान में रोशनी वापस ला रहे हैं ।” अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि हालांकि प्रतिरोध “पंजशीर में आधारित” है, लेकिन यह सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा ।
सालेह ने कहा कि “हमारा प्रतिरोध सभी अफगान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है । यह प्रतिरोध पंजशीर में आधारित है न कि पंजशीर के लिए । आज, यह घाटी पूरे देश की मेजबानी करती है और उन सभी अफगान लोगों के लिए एक आशा है जो उत्पीड़न, प्रतिशोध, पूर्वाग्रह और अंधेरे में हैं । , ‘
सालेह प्रसिद्ध अफगान कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ मिलकर पंजशीर घाटी से प्रतिरोध का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी सेना के बल पर ही अभी तक पंजशीर में तालिबान का कब्जा नहीं हो सका है ।
प्रतिशोध बल ने कहा कि ‘आज रात परवान प्रांत की राजधानी चरिकर पर राष्ट्रीय प्रतिरोध बलों द्वारा कब्जा कर लिया गया है । इसके अलावा सालंग जिला, परवान प्रांत में, जो एक बहुत महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र भी तालिबान से पुनः कब्जा कर लिया गया था । पंजशीर को परवान और बगलान तक विस्तारित किया गया है । प्रतिरोध में महिलाएं अग्रिम पंक्ति में सेवा करती हैं । वे भोजन, वस्त्र वितरित करते हैं । कुछ ने हथियार ले लिए, अफगानिस्तान के लिए , जिसे दुनिया ने तालिबान के भरोसे छोड़ दिया ।