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होटल में जुआ खेलते 27 गिरफ्तार, 12.53 लाख की रकम बरामद


रुड़की : दिल्ली रोड स्थित होटल आल सीजन में देर रात जुआ खेल रहे 27 लोग पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। पकड़े गए आरोपितों में उत्तर प्रदेश के कारोबारी भी शामिल हैं। यह कार्रवाई एसएसपी के निर्देश पर की गई। पुलिस ने मौके से 12.53 लाख की रकम और चार कार भी बरामद की हुई है। इन सभी पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

शुक्रवार को सिविल लाइंस कोतवाली में प्रेसवार्ता में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि गुरुवार की देर रात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को सूचना मिली थी कि दिल्ली रोड स्थित होटल आल सीजन में कुछ लोग जुआ खेल रहे हैं। इस सूचना पर एसएसपी ने सीओ पल्लवी त्यागी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिस पर सीओ ने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र चौहान व पुलिस टीम के साथ होटल के कमरा नंबर 105 और एक अन्य कमरे में छापा मारा।

पुलिस ने मौके से 27 लोगों को जुआ खेलते पकड़ा। पुलिस ने मौके से 12 लाख 53 हजार सात सौ रुपये तथा होटल की पार्किंग से इनकी चार कार बरामद की। पुलिस को मौके से जो डायरी मिली है। उसमें कई कारोबारियों और सफेदपोश के नंबर हैं। पकड़े गए आरोपितों में कई उप्र के कारोबारी भी शामिल हैं। एसपी देहात ने बताया कि इन सभी पर जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।

जुआ खेलने को होता है पूरा होटल बुक

आरोपितों ने जुआ खोलने के लिए पूरा होटल बुक किया था। आरोपित उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के सहारनपुर, मुजफफरनगर में जुआ खेलने के लिए पूरा होटल बुक करते थे। जिससे की पुलिस की नजर में नहीं आएं। यह भी चर्चा है कि होटल में कुछ लड़कियां भी बुलाई गई थी। हालांकि पुलिस कार्रवाई में इस बात का कोई जिक्र नहीं है। इन्होंने एक वाट्सएप ग्रुप भी बना रखा था जिसकी मदद से एक दूसरे के संपर्क में रहते थे।

कोतवाली से कोर्ट तक लगा रहा जमवाड़ा

आरोपितों के पकड़े जाने के बाद उनके परिचित पहले तो कोतवाली के आसपास मंडराते रहे। इसके बाद जब पुलिस आरोपितों को बस में भरकर कोर्ट पहुंची तो वहां पर भी जमवाड़ा लगा रहा। पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई आरोपितों के छत से कूदकर भागने की भी चर्चा रही। हालांकि पुलिस ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है।

पहली बार जेल गए आरोपित

अमूमन जुआं खेलने के आरोप में पुलिस थाने से ही जमानत दे देती है, लेकिन सिविल लाइंस कोतवाली द्वारा पकड़े गए 27 जुआरियो को अदालत ने जेल भेज दिया है। इस संबंध में रुड़की के सहायक अभियोजन अधिकारी जयपाल सिंह ने बताया कि वर्ष 1961 के संविधान संशोधन के तहत धारा 14 में इस अपराध को गैर जमानती बना दिया गया है। इस संबंध में अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। इसके बाद अदालत ने सभी को न्यायिक अभिरक्षा में रुड़की उप कारागार भेज दिया है।