नई दिल्ली, । देश में समय-समय पर सरकार और ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर अभिायान चलाए जाते हैं। इनमें दो सबसे महत्वपूर्ण विषयों पर बात होती है, जो हैं सीटबेल्ट और हेलमेट।
इतना सबकुछ होने के बाद भी काफी संख्या में लोग नियमों का अनदेखी करते हुए सड़कों पर चलते हैं और फिर उन्हे जान गवानी पड़ जाती है। इस लापरवाही के चलते सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालकों को जोखिम उठाने पड़ते हैं।
हेलमेट न पहनने से हो रही मौत
हाल ही में महाराष्ट पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 2022 में महाराष्ट्र के अंदर हुई सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 15,000 मौतों में से कुल 7,700 दोपहिया सवार थे, जिनमें से अधिकतर मौतें हेलमेट न पहनने के कारण सिर में चोट लगने से हुई हैं। ये आंकड़े राज्य परिवहन आयुक्त द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक परिपत्र में साझा किए गए हैं।
एक अधिकारी ने कहा, इस स्थिति को देखते हुए, राज्य परिवहन विभाग ने अपने कर्मचारियों को दोपहिया वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के महत्व और इससे संबंधित कानूनी प्रावधानों को समझाने के लिए परामर्श देने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है।
अंडरएज ड्राइविंग पर कसेगा शिकंजा
सर्कुलर में स्थिति को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा गया है कि 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी की कमी लाने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। एक अधिकारी ने उद्धृत करते हुए कहा, “परिवहन आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) को निर्देश दिया है कि वे कम उम्र के लोगों की सवारी की घटनाओं पर अंकुश लगाएं और 18 साल से कम उम्र के लोगों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाएं।”
साथ ही इस परिपत्र में यह भी बताया गया है कि एमवी अधिनियम की धारा 199 (ए) के तहत ऐसे नाबालिगों के माता-पिता पर 25,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। ये ऐसे नाबालिगों को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस जारी करने से भी रोकता है। इस पहलू के बारे में आरटीओ अधिकारियों को माता-पिता की सलाह लेने के लिए कहा गया है।