नई दिल्ली। भारत की अगुवाई में दुनिया के सबसे संपन्न 20 देशों के समूह (G-20) की अगले वर्ष होने वाली बैठक का लोगो, थीम और वेबसाइट मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने जारी किया। पीएम मोदी ने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर इस आयोजन को देश के लिए एक बहुत बड़ा अवसर बताया और कहा कि यह 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति व सामर्थ्य का प्रतीक है।
पीएम ने सभी सरकारों व लोगों के योगदान को सराहा
पीएम ने आजादी के बाद देश के विकास में सभी सरकारों व लोगों के योगदान को सराहा और कहा कि भविष्य की राह हमें और ज्यादा ऊर्जा के साथ पूरी करनी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जी20 की बैठक तब हो रही है, जब पूरी दुनिया में अनिश्चितता व संकट का माहौल है। सदियों में एक बार होने वाली महामारी से दुनिया अभी उबर रही है और कई तरह के संकट व आर्थिक अनिश्चितता भी कायम है।
भारतीय संस्कृति को दुनिया से परिचय कराने का समय
पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह अपनी हजारों साल की संस्कृति की बौद्धिकता व आधुनिकता से दुनिया को परिचित कराये। भारत की यात्रा हजारों वर्षों की है जिसमें उसने वैभव भी देखा है और सदियों की गुलामी भी देखी है। जी-20 की बैठक एक अवसर है जहां हम भारत की परंपरा व ज्ञान को एक साथ दुनिया को दिखा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष बाली (इंडोनेशिया) में होने वाली G-20 शिखर बैठक में वह हिस्सा लेंगे। भारत को G-20 का नेतृत्व एक दिसंबर, 2022 से मिलेगा।
पीएम ने लांच किया G-20 का लोगो व वेबसाइट
सरकार ने जो थीम सोमवार को सार्वजनिक किया है उसके केंद्र में खिलते हुए कमल में विश्व को दिखाया गया है। पीएम मोदी ने इसके बारे में कहा कि “यह लोगो मौजूदा विश्व में उम्मीद को दिखाता है। चाहे हालात कितने भी खराब हो, कमल जरूर खिलता है। अभी दुनिया में कई समस्याएं हैं लेकिन हम उन्नति करेंगे और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाएंगे। भारतीय संस्कृति में ज्ञान व संपन्नता की देवी कमल पर ही विचरण करती हैं। आज दुनिया को इसी चीज की जरूरत है। यही वजह है कि लोगो में दुनिया को कमल के बीच में दिखाया गया है।
इस साल 15-16 नवंबर को होगी G 20 की बैठक
पीएम ने कहा कि G-20 के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि इसमें शामिल 20 देशों की इकोनोमी का कुल आकार वैश्विक इकोनोमी का 85 फीसद है। साथ ही वैश्विक कारोबार का 75 फीसद इन देशों के बीच ही होता है जबकि पूरी दुनिया की 67 फीसद आबादी इन देशों में रहती है। इस साल की बैठक 15-16 नवंबर, 2022 को होने जा रही है, जिसमें पीएम मोदी के अलावा अन्य सदस्य देशों के प्रमुखों के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है। जी-20 में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्कीए, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपीय संघ शामिल हैं।