नई दिल्ली, । केंद्र सरकार ने अदालतों में जजों की नियुक्ति को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए नामों को तय तय समय के अंदर ही मंजूरी दे देगी। केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि अगले दो से तीन दिनों के अंदर ही केंद्र के पास लंबित 44 जजों के नामों के मंजूरी मिल जाएगी। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (R Venkataramani) ने बताया कि उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए 104 सिफारिशें भेजी गई थी, जिसमें से 44 की पुष्टि की जाएगी और अगले दो से तीन दिनों के भीतर भेज दी जाएगी।
निर्धारित समयसीमा को नहीं किया जाएगा पार
इस मामले पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने बेंच से कहा कि क्या नियुक्ति की सुनवाई को कुछ समय के लिए टाली जा सकती है? मेरे पास कुछ इनपुट है। हालांकि मुझे और भी कुछ समय की जरूरत है। उन्होंने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित समयसीमा को पार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पर सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
104 नामों की हुई थी सिफारिश
शीर्ष अदालत ने कहा कि अटॉर्नी जनरल कह रहें हैं कि उनके पास निर्देश है कि सरकार तय समय का पालन करेगी। पीठ ने कहा कि सरकार के पास लंबित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा की गई 104 सिफारिशों में से 44 पर विचार किया जा सकता है और इस सप्ताह के अंदर ही इसको उच्चतम न्यायालय में भेजा जा सकता है। अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए नामों को मंजूरी देने के संबंध में शीर्ष अदालत तीन फरवरी को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी सिफारिश
मालूम हो कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले माह राजस्थान और पटना के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल और संजय करोल सहित पांच न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति करने की सिफारिश की थी।