News TOP STORIES महाराष्ट्र

अनिल देशमुख ने वीडियो जारी कर दी सफाई, चार्टर्ड फ्लाइट से सफर समेत दूसरे आरोपों पर कही ये बात


महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आरोप लगाया है कि उनके बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के कारण देशमुख भी विवादों में हैं और ऐसे में उन्होंने मंगलवार सुबह एक वीडियो मैसेज जारी कर अपना पक्ष रखा है।

अनिल देशमुख ने अपने वीडियो मैसेज में कहा है, ‘इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में मेरे बारे में कई गलत जानकारियां देने की कोशिश पिछले कुछ दिनों से हो रही है। आप सभी जानते हैं कि पिछले एक साल से कोविड की परिस्थिति के बीच मैं राज्यभर मे गया, पुलिसकर्मियों से मिला और उनका उत्साह बढ़ाया। मैं 5 फरवरी को कोरोना संक्रमित हो गया और 15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती रहा।’

चार्टर्ड प्लेन से 15 फरवरी की फ्लाइट पर अनिल देशमुख ने क्या कहा

देशमुख ने आगे कहा, ’15 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद डॉक्टरों ने मुझे 10 दिन तक होम क्वारंटीन रहने की सलाह दी थी। इसलिए 15 फरवरी को मैं एक प्राइवेट प्लेन से मुंबई पहुंचा। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर मैं देर रात प्राणायाम के लिए पार्क में जाया करता था।’

देशमुख ने साथ ही कहा, ‘मैंने नागपुर अस्पताल में कुछ वर्चुअल मीटिंग भी की। होम क्वारंटीन के दौरान भी ये सिलसिला चला। कुछ अधिकारी भी 1 मार्च को बजट सेशन से पहले कुछ कार्यों और सलाह के लिए मेरे घर आए थे।’

अनिल देशमुख ने अपने इस वीडियो में कहा है कि वे 28 फरवरी को पहली बार घर से आधिकारिक कार्यों के लिए बाहर निकले। उन्होंने कहा कि ये वीडियो वे इसलिए साझा कर रहे हैं ताकि उनके बारे में फैलाई जा रही गलत जानकारी का जवाब दिया जा सके।

परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद अनिल देशमुख विवादों में

बता दें कि अनिल देशमुख को लेकर सबसे बड़ा विवाद शनिवार को तब खड़ा हो गया जब परमबीर सिंह की उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी सामने आई। इस चिट्ठी में परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें ये भी कहा गया कि गृह मंत्री ने सचिन वाझे को हर माह 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने का टारगेट दिया था।

परमबीर सिंह की ओर से ये आरोप उन्हें मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से ट्रांसफर किए जाने के बाद लगाए गए हैं। परमबीर सिंह की तैनाती अब होम गार्ड्स में की गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि असल दोषियों से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।

परमबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि सचिन वाझे को कई बार गृह मंत्री के कार्यालय में बुलाया गया था और रुपये कलेक्ट करने संबंधी निर्देश दिए गए थे। बताते चलें कि सचिन वाझे फिलहाल एनआईए की कस्टडी में है। मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक भरी गाड़ी रखने के मामले में एनआईए ने सचिन वाझे को हिरासत में लिया है।