नई दिल्ली, । WPI Inflation: महंगाई से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में थोक महंगाई दर (WPI) 15.08 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई जो मार्च में 14.55 प्रतिशत थी। यह अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है। एक साल पहले WPI Inflation (थोक महंगाई दर) 10.74 प्रतिशत के स्तर पर थी। कुल मिलाकर देखा जाए तो लगातार 10 महीने से थोक महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर के स्तर पर बनी हुई है।
12 मई को CPI Inflation (खुदरा महंगाई दर) के जो आंकड़े सरकार ने जारी किए थे उसके अनुसार अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.9 प्रतिशत थी। यह मई 2014 के बाद से सबसे अधिक था। बढ़ती महंगाई दर पर अंकुश लगाने के लिए ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि अप्रैल में थोक महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी की वजह मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल, क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, खाद्य पदार्थों, गैर खाद्य पदार्थों और केमिकल तथा केमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतें हैं जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ी हैं।