नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे में अभी तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। भगदड़ में जान गंवाने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। 102 शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि 19 शवों की अभी भी पहचान नहीं हो सकी है। इनमें से 38 शव अलीगढ़, 34 शव हाथरस, 21 आगरा और 28 एटा लाए गए।
मृतकों में एक फिरोजाबाद का है, जबकि आगरा के 16 शामिल हैं। अलीगढ़ के 12, हाथरस के 19, एटा के नौ और कासगंज के नौ लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर का एक, ललितपुर का एक, मथुरा के आठ, संभल का एक, अनूपशहर का एक, बदायूं के छह, पीलीभीत का एक, शहाजहापुर के चार, औरैया के दो और बुलंदशहर के चार लोगों की जान गई है। अन्य प्रदेशों से भी लोग सत्संग में शामिल होने आए थे। फरीदाबाद के तीन, पलवल का एक, राजस्थान का एक और ग्वालियर के भी एक व्यक्ति की इस घटना में मौत हुई है।
भोले बाबा के चरण रज और दर्शन के चक्कर में हादसा
बता दें, पूरे देश को झकझोर देने वाली यह घटना तब हुई जब नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए लोग आतुर हो गए। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। यह सन 1954 में हुए प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रदेश में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हादसा है।
हादसा है साजिश, सरकार कराएगी गंभीरता से जांच: योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिकंदराराऊ के फुलरई में सत्संग से लौट रहे श्रद्धालुओं की भीड़ में मची भगदड़ के बाद हुई 121 श्रद्धालुओं की मौत के कारणों को जानने के लिए एसआईटी गठित कर दी है। ये हादसा है या कोई साजिश, इस बारे में गहराई से पड़ताल कराई जा रही है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। हादसे में अब 121 हो चुकी है मौत, घटना के चश्मदीद मरीजों से भी जानकारी ली गई है।