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अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने का अभियान, 171 दिन, 70 मुठभेड़ और 118 आतंकी ढेर


श्रीनगर, : श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाए रखने के लिए दक्षिण में पीरपंजाल की पहाड़ियों से लेकर उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक आतंकरोधी अभियान जारी रहेेंगे। देशी-विदेशी आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क को चिन्हित किया जा रहा है। उनके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।

इस वर्ष अब तक 171 दिनों में 118 आतंकी मारे गए हैं। इनमे 33 विदेशी आतंकी हैं, शेष स्थानीय हैं। बीते साल इसी अवधि के दौरान 52 आतंकी मारे गए थे। मौजूदा वर्ष में अब तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 70 बार मुठभेड़ हुई है। सबसे ज्यादा 44 मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर में ही हुई हैं।

कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि श्री अमरनाथ यात्रा को आतंकी खतरे से पूरी तरह दूर रखने के लिए एक विशेष रणनीति अपनाई गई है। सुरक्षा प्रबंधों को बेहतर बनाने के साथ ही आतंकियों पर प्रहार किया जा रहा है। पूरे कश्मीर में आतंकरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। हर जगह आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क पर दबाव बनाया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 118 आतंकियों को मार गिराया है। विदेशी आतंकियों के मारे जाने का असर स्थानीय आतंकियों की संख्या पर भी पड़ेगा। विदेशी आतंकी अगर कम होंगे तो स्थानीय आतंकियों की संख्या भी घटेगी।

जिलेवार इतनी मुठभेड़ हुईं : प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक हुई मुठभेड़ों में सबसे ज्यादा 44 मुठभेड़ें दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, कुलगाम, शोपियां व अनंतनाग में ही हुई हैं। मध्य कश्मीर के तीन जिलों श्रीनगर, बड़गाम और गांदरबल में 13 और उत्तरी कश्मीर के बारामुला, बांडीपोरा व कुपवाड़ा में 13 मुठभेड़ हुई हैं। पुलवामा में 14, शोपियां व कुलगाम में 11-11 और अनंतनाग में सात मुठभेड़ हुई हैं। बारामुला में चार, कुपवाड़ा में सात और बांडीपोरा में दो, श्रीनगर में 10, बड़गाम में दो और जिला गांदरबल में सिर्फ एक ही बार मुठभेड़ हुई हैं।