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अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मौसम साफ, बालटाल-पहलगाम से यात्रा बहाल, जम्मू से भी जत्था हुआ रवाना


श्रीनगर, : अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मौसम साफ होते ही प्रशासन ने पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले बालटाल व पहलगाम मार्ग पर यात्रा को फिर से बहाल कर दिया गया है। हालांकि की रात को हुई बारिश के बाद यात्रा को बुधवार को भी स्थगित करने का मन बनाया जा रहा था परंतु सुबह होते-होते मौसम साफ होने व यात्रा मार्ग श्रद्धालुओं के आने जाने केे लिए बेहतर पाए जाने के बाद यात्रा को बहाल कर दिया गया।

कैंप अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह मौसम साफ होने के बाद टीम ने दोनों मार्गों की समीक्षा की। दोनों ही मार्ग बेहतर पाए गए जिसके बाद श्रद्धालुओं को सुबह करीब साढ़े छह बजे पवित्र गुफा की ओर जाने की इजाजत दी गई। वहीं जम्मू से भी पहलगाम से यात्रा पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं को कश्मीर के लिए रवाना किया गया है। खराब मौसम की वजह से आज जम्मू से भी श्रद्धालुओं का जत्था देरी से भेजा गया।

वहीं इससे पहले गत मंगलवार तड़के जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से 6,351 श्रद्धालुओं का जत्था कश्मीर के लिए रवाना किया गया था। इस जत्थे में 2,028 श्रद्धालु बालटाल मार्ग और 4,323 श्रद्धालु पहलगाम के लिए रवाना हुए। यात्रा प्रबंध में जुटे अधिकारियों को जब अमरनाथ यात्रा मार्ग पर वर्षा के कारण यात्रा रोके जाने की सूचना मिली तो उन्होंने पहलगाम व बालटाल में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ से बचने के लिए जम्मू से निकले जत्थे को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिला के चंद्रकोट में रोक लिया। हालांकि बाद में बालटाल जाने वाले श्रद्धालुओं को आगे भेज दिया गया, जबकि पहलगाम रूट वाले यात्रियों को चंद्रकोट में यात्री निवास में ठहराया गया है। चंद्रकोट में स्थिति यात्री निवास में श्रद्धालुओं के ठहरने से लेकर लंगर व सुरक्षा के प्रख्ता प्रबंध किए गए हैं। आज बुधवार सुबह यात्रा बहाल होते ही चंद्रकोट रोके गए सभी श्रद्धालुओं को आगे के लिए रवाना कर दिया गया।

वहीं गत मंगलवार तड़के भारी बारिश के बाद यात्रा प्रबंधन ने बालटाल व पहलगाम मार्ग पर यात्रा को स्थगित कर श्रद्धालुओं को आधार शिविरों में भी रोक दिया था। हालांकि दोपहर बाद मौसम में सुधार आने पर पंजतरणी के लिए हेलीकाप्टर सेवा बहाल कर दी गई। इसके साथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न शिविरों में रोके गए श्रद्धालुओं को भी पवित्र गुफा की ओर रवाना कर दिया गया। दिनभर में कुल 5400 श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए।