वाशिंगटन, । अमेरिका-आधारित थिंक टैंक ने जिहादी-आतंकवादी-सहानुभूति रखने वाले मसूद खान को अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर नियुक्ति पर आपत्ति जताई है। राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया गया है कि मसूद खान की नियुक्ति को अस्वीकार किया जाए। उनको डर है कि यह नियुक्ति आतंकवादी संगठनों के लिए अमेरिकी संस्थानों तक पहुंच के लिए मार्ग खोल सकती है।
गौरतलब है कि मसूद खान का नामांकन पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने पिछले साल नवंबर में वाशिंगटन भेजा था। थिंक टैंक ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूद खान की राजनयिक भूमिका आतंकवादी संगठनों के लिए अमेरिकी संस्थानों तक पहुंच के लिए एक मार्ग खोल सकती है। इसके अलावा, पूर्व में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में राष्ट्रपति के तौर पर मसूद खान की सक्रिय भूमिका को देखा गया है। थिंक टैंक को डर है कि उनकी पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर नियुक्ति से अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदार भारत के साथ रिश्तों को जटिल करेगा।
थिंकटैंक ने कहा, ह्यूमन राइट्स वाच की रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी सरकार लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दमन करती है, प्रेस का मुंह बंद करती है, और पीओके की जनता के साथ समय-समय पर अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। खान के शासन के दौरान, राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में जुनैद सेहराई, अहमद हिजबुल और तारिक जैसे आतंकवादियों का समर्थन और प्रशंसा की गई थी।
थिंक टैंक ने आगे कहा, खान ने इन आतंकियों को शहीद और उनके कृत्यों को बलिदान बताया था। कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादियों का उनका दृढ़ समर्थन अमेरिका-भारत संबंधों में अनुचित जटिलताएं पैदा करेगा, जबकि अमेरिका को प्रशांत क्षेत्र, अफगानिस्तान और यूरेशिया में भारत की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता हो सकती है।
थिंक टैंक ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और सीनेट एवं हाउस कमेटी आन फारेन रिलेशंस के सदस्यों से इस अस्वीकृति का समर्थन करने का अनुरोध कियाहै। इसमें कहा गया है कि मसूद खान ने कई बार जिहादी-आतंकवादियों के लिए नरम दिल का प्रदर्शन किया है, जिसमें आफिया सिद्दीकी भी शामिल है, जिसे ‘लेडी अल-कायदा” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मुजाहिदीन (एचयूएम) और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के लिए समर्थन जताया है जो न केवल अमेरिकी हितों के लिए बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी शत्रु हैं।