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अयोध्या जमीन विवाद :सुरजेवाला ने साधा निशाना, कहा- श्री राम नाम के नाम पर चंदे की लूट है ‘रामद्रोह’


अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में घोटाले को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर हैं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ”श्री राम नाम के नाम पर चंदे की लूट ‘रामद्रोह’ है !”

वहीं इससे पहले रविवार को रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अयोध्या में भाजपा नेताओं के हाथों भगवान राम के नाम पर चंदा इकट्ठा कर ”लूट” की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और उच्चतम न्यायालय की ”चुप्पी” पर सवाल उठाए।उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता ने फरवरी में अयोध्या में 890 मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी और फिर उसे 2.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि में मंदिर ट्रस्ट को बेचकर केवल 79 दिन में 1250 प्रतिशत का मुनाफा कमाया।सुरजेवाला ने कहा, ”भगवान राम के मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है। क्या यह ट्रस्ट बनाने वाले उच्चतम न्यायालय, उसके न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वे सच का पता लगाएं और इसकी जांच कराएं।” उन्होंने कहा, ”क्या उच्च न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिये? उच्चतम न्यायालय को अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी निगरानी में, पूरे लेनदेन का ऑडिट कराना चाहिये और दोषियों को सजा देनी चाहिये।”

उन्होंने कहा, ”अब सवाल यह है कि क्या उच्चतम न्यायालय और प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य निभाएंगे? हम इसे उनके विवेक पर छोड़ते हैं। ” सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसी की जिम्मेदारी बनती है तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,जिन्होंने यह ट्रस्ट बनाया है। उन्होंने कहा, ”यह न केवल नैतिकता नहीं बल्कि संवैधानिकता का भी सवाल है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता भगवान राम के नाम पर चंदा लूटने वालों को माफ नहीं करेगी।

इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस साल 18 मार्च को पंजीकृत भूमि दस्तावेजों के अनुसार 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट ”मिनटों के भीतर” 18.5 करोड़ रुपये में बेच दी गई। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में ”घोटाले” की जांच की मांग की थी। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए दावा किया था कि जो लोग राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, वे अब झूठे और भ्रामक आरोप लगाकर इसे पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने भी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था।

सुरजेवाला ने कहा कि ”तथ्य” सार्वजनिक हो चुके हैं। सच सामने लाने के लिये उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पांच सवाल रखते हुए पूछा, ”करोड़ों रुपये की खुली लूट पर मोदीजी-आदित्यनाथ की चुप्पी का क्या कारण है और राम मंदिर के निर्माण के नाम पर खुलेआम लूट मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।”