यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस ए एच रिजवी की खंडपीठ ने शकील अहमद, मोहम्मद नसीम,आसिफ इकबाल उर्फ फारूक व डॉ इरफान की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए दिया है।
जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही पांच आतंकी हमलावरों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया था। बम ब्लास्ट में एक सिविलियन की भी मौत हो गई थी।
कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा की अपील की सुनवाई शीघ्र होने की उम्मीद नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुए एक साल बीत गए हैं। कोर्ट ने कहा है कि सभी याचियों को अपने थाने में हर हफ्ते रिपोर्ट करना होगा। पासपोर्ट समर्पण कर देंगे, देश नहीं छोड़ेंगे, जुर्माना छह हफ्ते के भीतर जमा करेंगे।