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- फ़ोटो लेने वाले पत्रकार के साथ किया दुर्व्यवहार
- मामले में एसपी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
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अरवल। कोरोना संक्रमण महामारी की चेन तोड़ने को लेकर सरकार ने जहां एक ओर लॉकडाउन लगाकर गैर जरूरी दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी कर रखा है। वहीं दूसरी ओर जिनके कंधों पर लॉक डाउन के नियमों का अनुपालन कराने की जिम्मेवारी है, वही इसकी धाज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं। इतना ही नही, जब नियमों को तोड़ते हुए मीडियाकर्मी इन्हें रंगेहाथ धार लेते हैं तो ये आपे से बाहर हो जाते हैं और उल्टे अपनी वर्दी का रौब दिखाने लगते हैं।
दरअसल सोमवार को महेंदिया बाजार में स्थानीय थाने के एक दरोगा जी लॉकडाउन में प्रतिबंधित की गई दुकान खुलवाकर चाय नाश्ता करने में मग्न थे। इस दौरान ‘आज’ अखबार के पत्रकार की नजर उनपर पड़ गयी और उन्होंने दरोगा जी के इस करतुत की फ़ोटो ले ली। उधर, दरोगा जी को जैसे ही यह एहसास हुआ कि उनकी फ़ोटो ली जा रही है, वो आग बबूला हो गए। फि़र क्या था, महेंदिया थाने में तैनात उक्त सब इंस्पेक्टर राम प्रमोद सिंह ने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने लगे और उनका मोबाइल फ़ोन छीन लिया।
इधर पूरे मामलें की शिकायत जिले के पुलिस कप्तान राजीव रंजन को ई-मेल के जरिए दर्ज कराई है। घटना के बाद जिले के कई पत्रकारों ने घटना की निंदा करते हुए उक्त पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग की है। नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स संघ के जिला अध्यक्ष अमरेश कुमार अमर ने इस मामलें पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में पुलिस बेलगाम हो चुकी है। जिले की पुलिस आये दिन पत्रकारों के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर रही है। पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र कुमार, सुजीत सोनी, संजय रंजन, राधाकांत शर्मा, रामकुमार सिंह, अजीत कुमार, अंजनी कुमार, बल्लू सिन्हा, पंकज मिश्रा, बैजू कुमार, अरविंद कुमार, संजय सुनार, कुंदन कुमार समेत कई पत्रकारों ने घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है। इधर एसपी ने पूरे मामले का वीडियो फ़ुटेज पीड़ित से मंगवाया है। उन्होंने कहा है कि वीडियो फ़ुटेज की जांच कर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।