कानपुर,। वरिष्ठ आइएएस और उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन की कट्टरपंथी से जुड़े वायरल वीडियो मामले में कुछ और नए तथ्य सामने आए हैं। करीब डेढ़ महीने पहले एसआइटी (विशेष जांच दल) ने जो रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, उसमें न केवल वरिष्ठ आइएएस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, बल्कि उनके 63 कट्टर समर्थक भी चिह्नित हुए हैं। एसआइटी ने रिपोर्ट में इन समर्थकों की कुंडली भी खंगालने को कहा है। माना जा रहा है कि इसकी जांच भी आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) से ही कराई जाएगी।
इफ्तिखारुद्दीन जब कानपुर के मंडलायुक्त थे, उस दौरान के लगभग चार-पांच वीडियो ढाई महीने पहले वायरल हुए। इन वीडियो में वह अपने सरकारी आवास में तकरीरें करते नजर आ रहे थे। मीडिया में यह मामला तेजी से उछला तो सरकार ने सीबीसीआइडी के महानिदेशक जीएल मीणा की अध्यक्षता में एडीजी कानपुर जोन भानु भाष्कर को शामिल करते हुए दो सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था।
करीब एक महीने पहले एसआइटी ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच में माना गया है कि वरिष्ठ आइएएस ने सरकारी आवास पर तकरीरें करके मतांतरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया, अन्य धर्मों की आलोचना की। इस संबंध में एसआइटी को 150 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। शुरुआत में दावा किया गया था कि उन्होंने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए तीन किताबें लिखी हैं, लेकिन अब आठ किताबों की बात सामने आई है।