कोरोना के कारण सभी फस्र्ट क्लास क्रिकेटरों को मुआवजा दिया जाएगा
बीसीसीआई एजीएम मीटिंग में हुआ फैसला
राजीव शुक्ल को बोर्ड का उपाध्यक्ष चुना गया
अहमदाबाद (एजेन्सियां)। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की संचालन संस्था ने गुरुवार को अहमदाबाद में वार्षिक आम बैठक (एजेएम) के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो नई फ्रेंचाइजियों के प्रवेश को स्वीकृति दी, जिससे २०२२ से यह १० टीमों का टूर्नामेंट होगा। एक अन्य बड़े फैसले में बीसीसीआई अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एलओसी) से कुछ स्पष्टीकरण के बाद क्रिकेट के टी२० प्रारूप को २०२८ लॉस एंजेलिस ओलंपिक में शामिल करने की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की दावेदारी का सैद्धांतिक रूप से समर्थन करने को राजी हो गया। पिछले काफी दिनों से इस पर कयास लगाया जा रहा था लेकिन आज बीसीसीआई की सालाना बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई है। लेकिन दो नई टीमें २०२१ में नहीं बल्कि २०२२ में होने वाले आईपीएल का हिस्सा होंगी। इसके साथ ही बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया है। कोरोना के कारण सभी फस्र्ट क्लास क्रिकेटरों को मुआवजा दिया जाएगा। ये मुआवजा पुरुष और महिला दोनों ही वर्गों को दिया जाएगा। बोर्ड के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, २०२२ के आईपीएल में दो नई टीमों को पेश किया जाएगा। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि कोविड-१९ महामारी के कारण सभी प्रथम श्रेणी के खिलाडिय़ों (पुरुषों और महिलाओं) को उपयुक्त घरेलू सीजन के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा। जनवरी में सैयद मुश्ताक अली टी २० चैंपियनशिप के साथ कई महीनों की देरी के बाद बीसीसीआई की घरेलू सत्र की शुरुआत होने की योजना है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला को बोर्ड का उपाध्यक्ष चुना गया है। वो माहिम वर्मा का स्थान लेंगे जोकि उत्तराखंड से आते थे। इसके साथ ही मीटिंग में फैसला लिया गया है कि सौरभ गांगुली आईसीसी बोर्ड के डायरेक्टर बने रहेंगे। पूर्व राज्यसभा सांसद शुक्ला इससे पहले एन श्रीनिवासन के अध्यक्ष रहते हुए उपाध्यक्ष पद पर थे और इंडियन प्रीमियर लीग संचालन परिषद के चेयरमैन थे। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया था, आपको टेंडर मंगाने होंगे और बोली प्रक्रिया तैयार करनी होगी। जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत तक बोली में अगर दो टीमें बाजी मारती हैं तो उन्हें नीलामी के लिए समय दिया जाना चाहिए, जो मार्च में आयोजित की जा सकती है। ऐसे मे नई फ्रैंचाइजी के लिए योजना बनाने के लिए बहुत कम समय मिलेगा। दस टीमों के आईपीएल में ९४ मैचों का आयोजन होगा जिसके लिए लगभग ढाई महीने की जरूरत होगी, इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का कैलेंडर अव्यवस्थित हो सकता है। इसके साथ ही आईपीएल की पूरी अवधि के लिए शीर्ष विदेशी खिलाडिय़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।