विश्व स्तर पर ब्रांड इंडिया को स्थापित करना हम सबकी जिम्मेदारी
नयी दिल्ली (आससे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज के स्टार्टअप ही कल की बहुराष्ट्रीय कंपनी बनेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस नये दशक में, हम विश्व स्तर पर ब्रांड इंडिया को एक नई छवि के रूप में स्थापित करें। आज ओडिशा में आईआईएम संबलपुर के स्थायी परिसर के शिलान्यास समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के स्टार्टअप कल के मल्टीनेशनल बन सकते हैं। ये स्टार्ट-अप ज्यादातर देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में शुरू हो रहे हैं। बीते दशकों में एक ट्रेंड देश ने देखा, बाहर बने मल्टी नेशनल बड़ी संख्या में आए और इसी धरती में आगे भी बढ़े। ये दशक और ये सदी भारत में नये-नये मल्टीनेशसल्स के निर्माण का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं को भारत में आगे बढऩे वाले बड़े अवसरों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस नये दशक में, हम विश्व स्तर पर ब्रांड इंडिया को एक नई छवि देने के लिए जिम्मेदार हैं। देश के नये क्षेत्रों में नये अनुभव लेकर निकल रहे मैंनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभायेंगे। इस साल भारत ने कोविड संकट के बावजूद पिछले सालों की तुलना में ज्यादा यूनिकॉर्न दिये हैं। मोदी ने कहा कि स्थानीय को वैश्विक में बदलने के लिए, आईआईएम छात्रों को नये-नये समाधान खोजने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश के आईआईएम स्थानीय उत्पादों और वैश्विक सहयोग के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब आपमें से अनेक साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को वैश्विक पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के पर्यटन को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओडिशा के विकास को भी नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबंधन कौशल के लिए काम का पैटर्न और मांग तेजी से बदल रही है। आज, टॉप-डाउन और टॉप-हेवी मैनेजमेंट की जरूरत नहीं है। यह सहयोगी, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन में बदल गया है। किसी भी जगह से काम करने की परिकल्पना से पूरी दुनिया वैश्विक गांव से वैश्विकक कार्यस्थल ग्लोबल में बदल गई है। भारत ने भी इसके लिए हर आवश्यक सुधार बीते कुछ महीनों में तेजी से किये हैं। उन्होंने कहा कि कोविडके दौरान, भारत ने पीपीई किट, मास्क और वेंटिलेटर की जरूरतों का स्थायी समाधान निकाला। भारत ने समस्या-समाधान के लिए हमेशा के लिये अल्पकालिक उपाय अपनाये थे। आज, भारत ने दीर्घकालिक समाधान के लिए अपना दृष्टिकोण बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, भारत का गैस कवरेज 98 प्रतिशत से अधिक है, जो हमारे दीर्घकालिक समाधान दृष्टिकोण द्वारा मदद करता है। शत-प्रतिशत में कवरेज को बदलना वास्तविक चुनौती है और हम इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी समाधान देने के नीयत का नतीजा है कि आज देश में 28 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन हैं। 2014 से पहले देश में 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे। हमने 6 वर्षों में 14 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन दिये हैं। उन्होंने कहा कि हम पेशेवर शिक्षा में मौजूद विसंगतियों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी को बेहतर विकास के लिए मुख्यधारा में शामिल करना चाहते हैं, जो समावेशी प्रकृति का एक स्पष्ट उदाहरण है।