आज़मगढ़

आजमगढ़:-नहीं मिल रहा आम आदमीको सुपर फिसेलिटी अस्पतालका लाभ


सारी सुविधाएं होते हुए भी जिला अस्पतालके लिए रेफर कर दिये जाते हैं मरीज

जहानागंज, आजमगढ़। सरकार ने जनपद वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए लखनऊ की तर्ज पर मिनी पीजीआई को चक्रपानपुर में खोला। लेकिन इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। यहां न तो सुचारू रूप से ओपीडी चलती है और न ही इमरजेंसी मरीज ही भर्ती होते हैं। यही नहीं यहां के इमरजेंसी मरीज जिला अस्पताल रेफर कर दिए जाते हैं, जबकि यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है। जनपद मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर स्थित मिनी पीजीआई जिस मकसद से खोला गया, उस पर खरा नहीं उतर रहा है। दुर्घटना में घायल मरीज जिला अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दे रहे हैं। शहर से बीस किलोमीटर दूर जब पीजीआई बनना शुरू हुआ तो लोगों को आस लगी कि अब लखनऊ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब विशेषज्ञ डॉक्टर व सारी सुविधाएं यहां मिलेगी लेकिन कुछ समय बाद ही क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। यहां करीब विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी तैनात हैं। यहां के लोग मिनी पीजीआई नहीं सीधे जिला महिला व प्राइवेट डॉक्टर से उपचार कराना मुनासिब समझ रहे हैं, यहां भारी भरकम विशेषज्ञ डॉक्टर तो है लेकिन ऐन मौके पर कोई नहीं मिलता। जब तक इन डॉक्टरों का इंतजार किया जाता है तब तक मरीज की हालत बिगड़ जाती है इस तरह के तमाम केस जिला अस्पताल में आते रहते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि पीजीआई से मरीजों को रेफर किए जाने से उनके यहां लोड ज्यादा बढ़ जाता है। अगर वहां मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था हो जाती तो जिला अस्पताल की इमरजेंसी को इतना बोझ नहीं उठाना पड़ता। मिनी पीजीआई से सड़क हादसे से लेकर विभिन्न रोगों के मरीजों को यहां रेफर कर दिया जाता है। पिछले छ: माह की इमरजेंसी रिपोर्ट पर नजर नजर डाली जाए तो हर माह दर्जनों मरीज पीजीआई से रेफर किए गए हैं। यह मरीज दुर्घटना सहित विभिन्न बीमारियों के हैं। मरीजों का आरोप है कि यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर कब ओपीडी में बैठते हैं, यह पता ही नहीं चलता है। कुछ बैठते हैं तो बाहर से दवा लिखते हैं। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि यहां दो हजार प्रति दिन मरीज देखे जाते हैं, अगर प्रतिदिन दो हजार मरीज वहां देखे जाते हैं तो जिला अस्पताल में मारामारी की स्थिति क्यों रहती है, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।