पटना

आनन्द किशोर को प्राइम मिनिस्टर एवार्ड


बिहार बोर्ड में नवप्रयोग व परीक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए पुरस्कार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। बिहार बोर्ड में अनेक नव प्रयोग तथा परीक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर को प्राइम मिनिस्टर एवार्ड फॉर एक्सलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, 2020 प्रदान किया जायेगा।

प्रधानमंत्री द्वारा हर वर्ष सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अधिकारियों को प्राइम मिनिस्टर एवार्ड फॉर एक्सलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से पुरस्कृत किया जाता है। इस वर्ष 20-21 अप्रैल को नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में सिविल सेवा दिवस का आयोजन किया गया है, जिसमें भाग लेने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर को आमंत्रित किया गया है।

प्राइम मिनिस्टर एवार्ड के साथ 10 लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी दी जायेगी। इस पुरस्कार राशि को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के खाते में जमा किया जायेगा। विगत कुछ वर्षों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभी कार्यों में आईटी, सॉफ्टवेयर एवं टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल करते हुए पूरी परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी तथा छात्र-हितकारी बनाया गया है। समिति की संपूर्ण परीक्षा व्यवस्था एवं कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीक के माध्यम से किये गये सुधारों का ही परिणाम है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लगातार चौथे वर्ष यानी 2019 से 2022 तक देश में सबसे मैट्रिक एवं इंटर का रिजल्ट जारी कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अपनी व्यवस्था में उत्कृष्टता के नये आयाम स्थापित करने के मुरीद देश एवं विदेश के परीक्षा बोर्ड भी हैं, जिन्होंने अपनी टीम भेज कर या अन्य माध्यमों से जानकारियां प्राप्त की हैं। वर्ष 2019 में नेपाल के नेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की आठ सदस्यीय टीम ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का दौरा कर आधुनिक तकनीक एवं परीक्षा में किये गये नवप्रयोगों का अध्ययन किया, ताकि उसे नेपाल बोर्ड में लागू किया जा सके। छत्तीसगढ़ बोर्ड के पदाधिकारी भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का भ्रमण कर परीक्षा सुधारों का अध्ययन किया। कई अन्य बोर्डों ने भी परीक्षा व्यवस्थाओं एवं परीक्षा से संबंधित तकनीकी बारीकियों की जानकारी ली है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर द्वारा संपूर्ण परीक्षा व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव किये गये हैं। कई प्रकार के सुधार किये गये हैं। परीक्षार्थियों के फोटो के साथ उसका नाम, विषय, रौल कोड, रौल नम्बर, परीक्षा की तिथि से हर विषय में बारकोड एवं लिथोकोड के साथ अलग-अलग कॉपी एवं अलग-अलग ओएमआर शीट छपाया गया तथा परीक्षा के समय इसे प्रत्येक परीक्षार्थी को दिया गया। मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकित कॉपियों की प्रविष्टि मूल्यांकन केंद्रों से सीधे कंप्यूटर के माध्यम से की गयी। इससे काफी त्वरित गति से रिजल्ट प्रोसेसिंग हुई।

सभी विषयों में 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के साथ सब्जेक्टिव प्रश्नों में दो अंक के लघु उत्तरीय एवं पांच अंकों के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का पैटर्न लागू किया गया। कॉपियों की बारकोडिंग की व्यवस्था लागू हुई। मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये। 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक की नियुक्ति की गयी। परीक्षा शुरू होने के दस मिनट पहले ही परीक्षार्थी के प्रवेश की व्यवस्था लागू की गयी। सभी विषयों में प्रश्नपत्रों के दस सेट की व्यवस्था लागू हुई। नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के क्षेत्रीय कार्यालय बनाये गये।