ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने तीन हफ्ते तक निकिता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. ये राहत 25 हजार के निजी मुचलके पर दी गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि निकिता का कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा नहीं. कोर्ट ने यह भी माना कि निकिता का घर 11 फरवरी को सर्च किया गया और समान जब्त कर लिया गया. साथ ही हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अपराध दूसरे राज्य में हुआ है इसलिए ये मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
निकिता की वकील ने कहा, टूलकिट को अकेले निकिता ने नहीं बनाया है. टूलकिट से साथ निकिता जुड़ी है, उसने रिसर्च की है लेकिन ये सिर्फ कृषि कानूनों को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए. इसके अलावा कुछ नहीं. हिंसा फैलाने का निकिता का कोई उद्देश्य नहीं था.
निकिता जैकब की वकील ने कहा, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम जजमेंट को ध्यान में रखते हुए निकिता को तीन हफ्ते की ट्रांजिट जमानत दी है. इन तीन हफ्तों के भीतर निकिता को दिल्ली की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी देनी होगी. ट्रांजिट बेल का प्रावधान सीआरपीसी में नहीं है. लेकिन फिर भी एक इंसान के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने निकिता को राहत नहीं है.
आखिर कहां है निकिता?
इस सवाल के जवाब में निकिता की वकील ने कहा कि वह कहीं गायब नहीं हुई है, मुंबई में ही है. 12 फरवरी को जज के सामने पेश हो चुकी है. ये सबकुछ मद्देनजर रखते हुए हाईकोर्ट ने निकिता को तीन हफ्ते की राहत दी है. दिल्ली पुलिस ने लगातार 13 घंटे तक निकिता से पूछताछ की है. जांच में निकिता ने पूरा सहयोग किया है. आगे भी जब चाहें पुलिस पूछताछ कर सकती है.
आपको बता दें कि निकिता पर दिशा रवि के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने वाली टूलकिट बनाने, उसे एडिट करने और सर्कुलेट करने का आरोप है. निकिता पर उस जूम मिटिंग में भी शामिल होने का आरोप है जिसमें कथित तौर पर भारत को बदनाम करने की रणनीति बनाई गई थी.
साजिश का 7वां किरदार
किसान आंदोलन के नाम पर देश को बदनाम करने वाली टूलकिट की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है नए-नए किरदार सामने आ रहे है. कर्नाटक से कनाडा तक साजिश के तार जुड़ रहे हैं. स साजिश में एक नई महिला का नाम सामने आया है. ये महिला है अनिता लाल.