नई दिल्ली, : लेऑफ और वैश्विक आर्थिक मंदी की संभावनाओं के बीच एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आ रही है।
मैनपावरग्रुप एम्प्लॉयमेंट आउटलुक ने अपने किए एक सर्वे में आज यह जानकारी दी की चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में हायरिंग का चलन स्थिर गति से जारी रह सकता है।
49 प्रतिशत एंप्लॉयर करना चाहते हैं हायरिंग
सर्वे में करीब 3,020 एंप्लॉयर ने एम्प्लॉयमेंट आउटलुक को बताया कि अनिश्चितकालीन स्थिति में भी श्रम बाजार 2023 की तीसरी तिमाही में सकारात्मक संकेत दे रहा है।
कुल एंप्लॉयर के जवाबों के अनुसार कम से कम 49 प्रतिशत एंप्लॉयर हाइरिंग के लिए पॉजिटिव संकेत है तो वहीं 13 प्रतिशत एंप्लॉयर हायर नहीं करना चाहते। इसके अलावा 36 प्रतिशत ऐसे हैं जो जरूरत के आधार पर हायर करना पसंद करते हैं।
15 फीसदी गिरा हायरिंग सेंटीमेंट
आपको बता दें कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में हायरिंग सेंटीमेंट में 15 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि पिछली तिमाही की तुलना में इसमें 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
विश्व स्तर पर, सभी 41 देशों में एंप्लॉयर हायरिंग का पोजिटिव संकेत दे रहे हैं। इन देशों में कोस्टा रिका 43 प्रतिशत के पोजिटिव संकेत के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है, दूसरे नंबर पर नीदरलैंड (39 प्रतिशत) और तीसरे नंबर पर पेरू (38 प्रतिशत) है।
क्या है भारत की रैंकिंग?
वैश्विक सूची में भारत, ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत 36 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर है। वहीं जापान में हायरिंग के 14 प्रतिशत और ताइवान में 15 प्रतिशत है।
किस सेक्टर में कितनी जॉब की डिमांड?
सर्वे के रिपोर्ट के मुताबिक आईटी, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, संचार और मीडिया में कंपनियों ने 47 प्रतिशत के पॉजिटिव हायरिंग के संकेत दिए है। इनमें से 89 प्रतिशत फिलहाल ग्रीन नौकरियों के लिए भर्ती कर रहे हैं। इसके बाद वित्तीय और रियल एस्टेट सेक्टर में 41 प्रतिशत हायरिंग के संकेत हैं।
सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत हायरिंग के लिए आशाजनक पश्चिम के देश हैं, इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ नॉर्थ और 33 प्रतिशत के सात साउथ और 29 प्रतिशत के साथ ईस्ट के देश हैं।