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इंटरफेथ-इंटरकास्ट मैरिज पर महाराष्ट्र सरकार की नजर:श्रद्धा हत्याकांड रिपीट न हो, इसके लिए बनाई 13 सदस्यीय कमेटी


महाराष्ट्र सरकार ने इंटरफेथ और इंटरकास्ट मैरिज करने वालों को लेकर एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में 13 सदस्य होंगे, जो दूसरे धर्म और दूसरी जाति में शादी करने वाले कपल की निगरानी करेंगे। साथ ही ऐसी महिलाओं की एक लिस्ट भी तैयार की जाएगी जो शादी करने के लिए अपने परिवार से अलग रही हैं। इस कमेटी का नाम इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी है, जिसका नेतृत्व महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा कमेटी का नेतृत्व करेंगे।बुधवार को लोढा ने कहा कि इसका मकसद श्रद्धा वॉल्कर जैसे मामलों को रोकना है। वहीं, NCP ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार के किसी के पर्सनल लाइफ में दखल देने या जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है।लोढ़ा ने कहा कि समिति का गठन इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धा हत्याकांड की घटना रिपीट न हो। उन्होंने कहा- सच्चाई यह है कि श्रद्धा के परिवार को पता नहीं था कि वह छह महीने पहले उसकी मौत हो गई थी। हम एक और श्रद्धा नहीं चाहते हैं और यही कारण है कि कमेटी का गठन कर ये तय किया जाएगा कि ऐसी शादियों में महिलाओं अपने परिवारों से दूर तो नहीं हैं। कमेटी ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद की जा सके।महाराष्ट्र की रहने वाली श्रद्धा वालकर की दिल्ली में हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं आरोपी ने उसके शव के 35 टुकड़े कर जंगल में फेंक दिए थे। हत्या का आरोपी श्रद्धा का लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपी आफताब ने बीते मई के महीने में आपसी झगड़े के बाद श्रद्धा की हत्या की थी। आरोपी ने शव के 35 टुकड़े करके इन्हें घर के अंदर फ्रिज में रखा था। आरोपी रोज रात को इन टुकड़ों को जंगल में फेंकने जाता था। आरोपी आफताब पुलिस की हिरासत में है।महाराष्ट्र में अगर कोई लड़का या लड़की अनुसूचित जाति से शादी करता है तो उसे इंटरकास्ट मैरिज स्कीम के तहत 3.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना का लाभ सिर्फ उन लोगों को मिलता है जिन्होंने हिंदू मैरिज एक्ट 1955 या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवा रखा हो। इसके अलावा योजना के लाभ के लिए आपको पहले राज्य सरकार कास्ट मैरिज स्कीम के तहत एप्लिकेशन देना होगा। योजना का उद्देश्य राज्य में इंटरकास्ट मैरिज को लेकर भेदभाव खत्म करना है।