पटना

इंटरमीडिएट में ‘अंग्रेजी’ पर भारी पड़ी ‘हिंदी’


12 भाषाओं में उर्दूतीसरे, तो चौथे स्थान पर रही मैथिली

डॉ॰ लक्ष्मीकान्त सजल-

पटना। इंटरमीडिएट की परीक्षा में ‘हिंदी’ सभी भाषाओं पर भारी पड़ी। इस मायने में कि परीक्षा में सबसे ज्यादा संख्या ‘हिंदी’ रखने वाले परीक्षार्थियों की रही। 12 भाषाओं में दूसरे स्थान पर ‘अंग्रेजी’ और तीसरे स्थान पर ‘उर्दू’ रही। ‘मैथिली’ चौथे स्थान पर रही।

इंटरमीडिएट में 100-100 अंकों की जिन भाषाओं की पढ़ाई की होती है, उनमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली, संस्कृत, प्राकृत, भोजपुरी, पाली, मगही, बांग्ला, परसियन एवं अरबी शामिल हैं। इन 12 भाषाओं में से हर छात्र-छात्रा के लिए कोई दो विषय रखने की बाध्यता है। रखे जाने वाले दो भाषाओं में हिंदी या अंग्रेजी दोनों में से कोई एक रखना अनिवार्य है।इस साल एक फरवरी से 14 फरवरी तक चली। उसमें भाषाओं की बात करें, तो सबसे अधिक संख्या ‘हिंदी’ रखने वाले परीक्षार्थियों की रही। ‘हिंदी’ में 12 लाख 95 हजार 981 परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरे थे। इनमें 6 लाख 7 हजार 148 परीक्षार्थी साइंस एवं कॉमर्स के तथा 6 लाख 88 हजार 833 परीक्षार्थी ऑट्र्स के थे।

‘हिंदी’ से 49 हजार 949 कम परीक्षार्थियों ने ‘अंग्रेजी’ के फॉर्म भरे थे। ‘अंग्रेजी’ में फॉर्म भरने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 12 लाख 46 हजार 32 रही। इनमें 6 लाख 31 हजार 880 परीक्षार्थी साइंस एवं कॉमर्स के तथा 6 लाख 14 हजार 152 परीक्षार्थी ऑट्र्स के थे।

साइंस, ऑट्र्स एवं कॉमर्स तीनों संकायों के परीक्षार्थियों को मिला दें, तो तीसरे स्थान पर ‘उर्दू’ रही। 81 हजार 928 परीक्षार्थियों ने ‘उर्दू’ के फॉर्म भरे थे। सीता की मातृभाषा ‘मैथिली’ चौथे स्थान पर रही। 41 हजार 122 परीक्षार्थियों ने ‘मैथिली’ के फॉर्म भरे थे। देवभाषा ‘संस्कृत’ पांचवें स्थान पर रही। 7 हजार 184 परीक्षार्थियों ने ‘संस्कृत’ के फॉर्म भरे थे।

बाकी बच गयीं सात भाषाएं। तो, इन सात भाषाओं में आज भी सबसे ज्यादा क्रेज ‘प्राकृत’ का है। 1 हजार 101 परीक्षार्थियों ने ‘प्राकृत’ के फॉर्म भरे थे। यानी, सभी 12 भाषाओं में ‘प्राकृत’ छठे स्थान पर रही।

फॉर्म भरने वाले 732 परीक्षार्थियों के साथ ‘भोजपुरी’ सातवें स्थान पर, 479 परीक्षार्थियों के साथ ‘पाली’ आठवें स्थान पर, 353 परीक्षार्थियों के साथ ‘मगही’ नौवें स्थान पर, 306 परीक्षार्थियों के साथ ‘बांग्ला’ दसवें स्थान पर, 16 परीक्षार्थियों के साथ ‘परसियन’ ग्यारहवें स्थान पर एवं चार परीक्षार्थियों के साथ ‘अरबी’ बारहवें स्थान पर रही है।

इससे इतर अतिरिक्त विषय समूह के तहत भी भाषा विषयों यानी मैथिली, संस्कृत, प्राकृत, मगही, भोजपुरी, अरबी, परसियन, पाली एवं बांग्ला में से किसी एक भाषा की परीक्षा देने की सुविधा परीक्षार्थियों को है।