इस्लामाबाद। पाकिस्तानी रुपया दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में शामिल हो चुका है। आलम यह है कि वर्ष के प्रारंभ से ही उसके मूल्य में करीब 12 फीसद की गिरावट बरकरार है। मई के मध्य में तो उसके मूल्य में 17 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। स्थानीय समाचार पत्र डान की मंगलवार की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार को अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए जल्द ही एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) रुख करना पड़ सकता है।
साल की शुरुआत से ही मूल्य में 12 प्रतिशत की गिरावट बरकरार
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी स्टेट बैंक ने रुपया को स्थिर करने के लिए कई उपाय किए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) जमाखोरों व तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है, ताकि अमेरिकी डालर के प्रवाह को सीमित करते हुए नुकसान को कम किया जाए, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही है।