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इमरान खान को अभी नहीं मिली राहत,


इस्लामाबाद, । पाकिस्तानी उच्च न्यायालय ने शुक्रवार तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अपील पर सुनवाई 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।

5 अगस्त को इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा दायर मामले में इमरान खान को दोषी ठहराया और तीन साल जेल की सजा सुनाई। फैसले का मतलब था कि उन्हें पांच साल के लिए आम चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।

स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हुए ईसीपी के वकील

आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने शुक्रवार की सुनवाई की अध्यक्षता की। सुनवाई के दौरान, ईसीपी के वकील, एडवोकेट अमजद परवेज से अपनी दलीलें समाप्त करने की उम्मीद थी।

हालांकि, वह बेहद अस्वस्थ होने के कारण उपस्थित नहीं हो पाए। उनके टीम के एक सदस्य ने इस बात की जानकारी कोर्ट में दी, जिसके बाद आईएचसी ने सुनवाई 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। आईएचसी 22 अगस्त से खान की अपील पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने गुरुवार को सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

28 अगस्त तक सुनवाई टली

बचाव दल ने पहले ही बहस पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने भी गुरुवार को आईएचसी के फैसले तक खान की याचिका पर कार्यवाही रोकने का फैसला किया। शीर्ष अदालत ने भी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। उसने पाकिस्तान के अटॉर्नी-जनरल (एजीपी) मंसूर उस्मान अवान को 28 अगस्त तक खान की रहने की स्थिति के बारे में एक आधिकारिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

2022 में दर्ज हुआ तोशाखाना मामला

तोशाखाना मामला 2022 में ईसीपी में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इमरान खान ने राज्य उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय को छुपाया था। ईसीपी ने पहले उन्हें अयोग्य ठहराया और फिर एक सत्र अदालत में आपराधिक कार्यवाही का मामला दायर किया, जिसने उन्हें दोषी ठहराया और बाद में, खान को जेल भेज दिया गया।

अटक जेल में बंद है इमरान खान

खान फिलहाल अटक जेल में हैं, जहां उन्हें दोषी ठहराए जाने के उन्हें रखा गया था। उन्हें पांच साल के लिए अयोग्य भी ठहराया गया है। मामले में आरोप लगाया गया है कि खान ने 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण जानबूझकर छुपाया था।

140 मिलियन रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले

तोशाखाना नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उन्हें प्राप्त उपहार और अन्य ऐसी सामग्री की जानकारी कैबिनेट डिवीजन को देनी होती है। रिपोर्टों के अनुसार, खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 140 मिलियन रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले और उन सभी को या तो नगण्य राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के भी अपने पास रख लिया।