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इमरान सरकार की अग्निपरीक्षा आज, क्‍या विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव से उबर पाएंगे पीएम?


नई दिल्‍ली, । No-Confidence Motion in Pakistan: आज का दिन प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पाकिस्‍तान की सियासत के लिए भी बेहद अहम है। पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में यह तय होगा कि इमरान आगे पीएम पद पर रहेंगे या नहीं। उनको विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या इमरान विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव से बचने में कामयाब हो पाएंगे? इस सियासी संकट से बचने के लिए क्‍या इमरान खान अपनी पार्टी को सत्‍ता में बने रहने के लिए किसी अन्‍य नेता को प्रधानमंत्री का पद देने पर राजी होंगे। यदि इमरान खान की सरकार अविश्‍वास प्रस्‍ताव से बचने में नाकाम रही तो पाकिस्‍तान की राजनीति क्‍या नाटकीय मोड़ लेगी? क्‍या पाकिस्‍तान में आम चुनाव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है। संवैधानिक संकट में पाकिस्‍तान की सेना का क्‍या रोल होगा। ये ऐसे सवाल हैं जो आपके मन में उठ रहे होंगे। भारत की भी नजर पाकिस्‍तान के सियासत पर जरूर होगी। आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

1- प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक) का कहना है कि पाकिस्‍तान में यह सियासी संकट किस मोड़ पर खत्‍म होगा कुछ भी कहना जल्‍दबाजी होगा। इमरान को हटाने के लिए विपक्ष ने कोई संवैधानिक कसर नहीं छोड़ी है। उधर, प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष के प्रहार से बचने के लिए उपक्रम जरूर किए होंगे। आज का दिन उनके और उनकी सरकार के लिए काफी अहम है।

2- प्रो. पंत ने कहा कि पाकिस्‍तान में संवैधानिक व्‍यवस्‍था के तहत इमरान को सदन में विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना करना होगा। इमरान को यह सिद्ध करना होगा कि सदन में उनकी पार्टी का बहुमत है। यदि इमरान की पार्टी ऐसा करने में सफल हो जाती हैं तो उनके लिए सत्‍ता का सफर आसान हो जाएगा। यह विपक्ष की बड़ी पराजय होगी।

3- उन्‍होंने कहा कि लेकिन पाकिस्‍तान में विपक्षी एकता को देखते हुए इमरान के लिए यह सब कुछ करना इतना आसान नहीं है। प्रो पंत ने कहा कि इमरान सदन में बहुमत हासिल करने में विफल होते हैं तो उन्‍हें अपने कुर्सी से हटना होगा। ऐसे में दो ही विकल्‍प होते हैं। इमरान मध्‍यावधि चुनाव करा सकते हैं। इसके अतिरिक्‍त इमरान सरकार विश्‍वास मत ला सकती है। ऐसे में वह पार्टी के किसी अन्‍य सदस्‍य का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं और अपनी पार्टी को सत्‍ता में बने रहने दें।