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इलाहाबाद विश्वविद्यालय: इंस्पेक्टर बोला- मुझ पर चलाओ पत्थर, छात्रनेता ने कहा- तुम ज्यादा सिंघम न बनो..


प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर सोमवार को एक बार फिर हिंसा और आगजनी से सुलग उठा। गेट खोलने के लिए छात्र नेता और विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी गार्ड्स के बीच झड़प में भारी बवाल हो गया। विश्वविद्यालय परिसर में चार घंटे तक अराजकता का माहौल बना रहा। मारपीट में छात्र नेता विवेकानंद का सिर फट गया। आरोप है कि गार्ड्स ने लाठी-राड से पीटा और फायरिंग की जिससे कई छात्र जख्मी हुए। इसके बाद हास्टलों से जुटे सैकडों छात्रों ने पथराव करते हुए पलटवार किया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों को बताया निर्दोष

भारी उपद्रव की खबर पाकर पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, डीएम संजय कुमार खत्री, अपर आयुक्त आकाश कुलहरि, नगर और गंगानगर के डीसीपी समेत कई एसीपी भी पुलिस बल के साथ आ गए। छात्रों को किसी तरह समझाकर छात्र संघ भवन की तरफ ले जाया गया। लौट रहे छात्र पथराव करते रहे। घायल छात्र नेता विवेकानंद ने कमिश्नर और डीएम से कहा कि वह शांतिपूर्ण मार्च पर गए थे लेकिन विश्वविद्यालय के गार्ड्स ने छात्रों को फंसाने के लिए आगजनी की है। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों और बाहरी अराजक तत्वों को दोषी ठहराते हुए सुरक्षाकर्मियों को निर्दोष बताया। बहरहाल पुलिस इस पुरे मामले की जांच कर रही है

सिंघम न बनो तुम इंस्पेक्टर…

गेट पर हुए झगड़े के बाद जब दोबारा सुरक्षाकर्मियों ने हमला किया तो उस वक्त इंस्पेक्टर कर्नलगंज राममोहन राय भी मौजूद थे। पुलिस बल के तमाम प्रयास और छात्रों के पलटवार पर सुरक्षाकर्मी भाग गए थे। फिर जब छात्रों के हुजुम ने पथराव करना शुरू किया तो इंस्पेक्टर उन्हें खींचकर दूर ले जाते हुए झगड़ा शांत कराने में जुटे रहे। शाम करीब सवा चार बजे जब घायल विवेकानंद के साथ छात्रों ने चीफ प्राक्टर दफ्तर तक शांति मार्च निकाला तो पुलिस बल साथ था। इसके बावजूद पथराव और आगजनी होने लगी। ऐसे में अचानक तैश में आकर इंस्पेक्टर राम मोहन सीना ठोंकते हुए तेजी से छात्रों के सामने आए और कहा कि मुझ पर पत्थर चलाओ, गाड़ी न तोड़ो। इस पर एक छात्रनेता ने कहा- इंस्पेक्टर तुम ज्यादा सिंघम न बनो, पीछे रहो।

उपद्रवियों को चिह्नित कर एक्शन लिया जाएगा

पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा कि तमाम वीडियो फुटेज देखकर घटना की तह तक पहुंचने के बाद उपद्रवियों को चिह्नित कर एक्शन लिया जाएगा। छात्रों के अपने आरोप हैं। उनकी तहरीर पर केस लिखकर विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।