अदालत ने फैसला सुनाया कि विवाद के संबंध में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की अदालत के समक्ष लंबित एक मुकदमे के निपटारे तक दंपति को वृद्धाश्रम से बेदखल नहीं किया जाएगा।
न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने 20 अक्टूबर, 2020 को एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) द्वारा जारी आदेश के खिलाफ दंपति द्वारा दायर एक रिट याचिका पर निर्देश पारित किया, जिसमें उन्होंने सिविल जज (जूनियर) की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था। जज ने वृद्ध दंपत्ति को बेदखली से सुरक्षा प्रदान की थी।
एडीजे के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि सिविल जज की अदालत द्वारा जारी आदेश इस शर्त के साथ बहाल किया जाता है कि याचिकाकर्ता (दंपति) वृद्धाश्रम में अपने कब्जे के लिए मासिक शुल्क का भुगतान करेंगे, जिसमें प्रति माह 12,000 रुपये की अस्थायी दर पर भोजन बिजली के लिए शुल्क शामिल हैं।