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उत्‍तराखंड: बदरीनाथ हाईवे 15 मीटर बहा, दो हजार से अधिक यात्री फंसे, नाले का जलस्तर घटते ही सुचारु होगा कार्य


गोपेश्वर/उत्तरकाशी : बदरीनाथ हाईवे पर शुक्रवार शाम पांच बजे वर्षा के दौरान खचड़ानाला व लामबगड़ नाला ऊफान पर आ गया। इससे लामबगड़ में 10 मीटर व खचड़ानाला में पांच मीटर हाईवे का हिस्सा बह गया। इससे हाईवे के दोनों ओर 2000 से अधिक यात्री फंस गए।

भूस्खलन से राजमार्ग साढ़े पांच घंटे रहा अवरुद्ध

बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल का कहना है कि मशीनें मौके पर तैनात हैं। नाले का जलस्तर घटते ही हाईवे सुचारु करने का कार्य शुरू होगा। वहीं, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बंदरकोट के पास शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन से राजमार्ग करीब साढ़े पांच घंटे अवरुद्ध रहा। सुबह 11 बजे राजमार्ग को सुचारू किया।

तय करनी पड़ी 22 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी

इस दौरान प्रशासन ने संकूर्णा देवीधार मोटर मार्ग से यातायात संचालित किया। इससे वाहन चालकों को 22 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी।

शुक्रवार शाम चमोली जिले में भारी वर्षा हुई। इस दौरान जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच लामबगड़ से पहले खचड़ानाला व लामबगड़ के बाद पड़ने वाला लामबगड़ नाला ऊफान पर आ गया। इस दौरान यात्री वाहनों को पांडुकेश्वर व जेपी कालोनी के पास रोक दिया गया।

सुरक्षित स्थानों पर रोका गया यात्रियों को

बदरीनाथ क्षेत्र में एक हजार यात्री फंसे हुए हैं। जबकि एक हजार से अधिक बदरीनाथ जाने वाले यात्री पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में रोके गए हैं। यात्रियों को हाईवे खुलने का इंतजार है।

पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे ने बताया कि यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। हाईवे खुलते ही यात्री वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी जाएगी। एसपी ने कहा कि नाले में पानी का जलस्तर बढ़ने से हाईवे को नुकसान पहुंचा है। दोपहर एक घंटे पुरसाड़ी में भी बदरीनाथ हाईवे बाधित रहा। लेकिन, इस दौरान वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग कौठियालसैंण चमोली संपर्क मार्ग से होती रही।

बंदरकोट के पास आठ घंटे राजमार्ग रहा बाध‍ित

वहीं, उत्तरकाशी में गत वीरवार दिन में भी करीब आठ घंटे तक बंदरकोट के पास राजमार्ग बाधित रहा है। वीरवार की रात को सीमा सड़क संगठन ने सुरक्षा की दृष्टि से यातायात बंद रखा।

जोशियाड़ा बैराज की झील किनारे हुआ भू-धसाव

उत्तराखंड जल विद्युत निगम की मनेरी भाली द्वितीय परियोजना के बैराज की झील किनारे सुरक्षा दीवार की फाउंडेशन कमजोर होने के कारण जोशियाड़ा पार्किंग में करीब 20 मीटर भू-धसाव हुआ है। जिससे परियोजना सहित जोशियाड़ा क्षेत्र में कटाव की आशंका बढ़ सकती है।

जल विद्युत निगम और जोशियाड़ा क्षेत्र में हड़कंप

शुक्रवार की दोपहर बाद यहां भू-धसाव हुआ। इससे जल विद्युत निगम और जोशियाड़ा क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पार्किंग में खड़ी गाडि़यां भी भू-धसाव की चपेट में आ गयी। इन वाहनों को जल विद्युत निगम ने वहां से हटवा दिया। दरअसल जिस स्थान पर भू-धसाव हुआ है उस स्थान के निकट नदी की ओर पानी का बहाव सुरक्षा दीवार की बुनियाद पर प्रेशर मार रहा है। जब बैराज खोला जाता है तो नदी का प्रवाह भी जोशियाड़ा पार्किंग की ओर अधिक रहता है। जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता अमन बिष्ट ने बताया कि बैराज की झील किनारे जिस क्षेत्र में भू-धसाव हुआ है। उस क्षेत्र में पत्थर, मिट्टी, कंकरीट की फिलिंग करवाई जा रही है। भू-धसाव क्यों हुआ। इसकी जांच के विशेषज्ञों से करवायी जाएगी।