लखनऊः उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत कार्य के लिए सक्रियता बढ़ा दी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तराखंड से समन्वय के लिए गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में मंत्रियों का एक दल भेजा है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार से समन्वय बनाने के लिए गन्ना विकास व चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय मंत्रियों की एक समिति बनाई है, जिसमें मंत्री धर्म सिंह सैनी और विजय कश्यप भी शामिल हैं.
लखनऊ के राहत आयुक्त कार्यालय में बनाया गया नियंत्रण कक्ष
मंत्रियों का यह दल आज उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया है. इसके अलावा उत्तराखंड शासन और प्रशासन से समन्वय के लिए अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल भी बनाया गया है. प्रवक्ता के अनुसार सहायता के लिए लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जिसका नंबर 1070 है. आपदा प्रभावित उत्तर प्रदेश के जिलों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जहां प्रशासन, पुलिस और सिंचाई विभाग के कर्मचारी 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
हरिद्वार में बनाया सहायता केंद्र
आज उत्तराखंड रवाना होने से पहले दूरभाष पर पीटीआई-भाषा से बातचीत में सुरेश राणा ने कहा है कि मैं अपने दोनों सहयोगी मंत्रियों के साथ वहां पहुँचकर सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात करूंगा. राणा ने कहा है इस त्रासदी में जो लोग लापता हो गए हैं उनकी तलाश और जो काल-कवलित हुए हैं उनकी अंत्येष्टि के लिए उचित समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगाा. गन्ना मंत्री ने बताया है कि हरिद्वार में सहायता केंद्र और नियंत्रण कक्ष बनाया गया है.
सीएम योगी ने की पीड़ितो को 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड को हर संभव सहयोग करेगी और उत्तर प्रदेश के जिन लोगों की इस त्रासदी में मौत हुई है, उनके परिजनों को अलग से दो-दो लाख रुपये देगी. इसके अलावा घायलों के बेहतर उपचार के लिए भी समन्वय बनाकर यथा संभव सहयोग किया जाएगा. राणा ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहयोगी अलकनंदा नदी के प्रभाव वाले इलाकों में सरकार ने अधिकारियों को मुस्तैद कर दिया है और जल शक्ति, बाढ़ नियंत्रण तथा गृह विभाग के अधिकारी समन्वय स्थापित कर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं.