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उदयपुर हत्याकांड में राजस्थान पुलिस लीक कर रही अपुष्ट सूचनाएं, एनआइए नाराज


 नई दिल्ली। उदयपुर के जघन्य हत्याकांड में राजस्थान पुलिस की ओर से लगातार लीक की जा रही सूचनाओं से एनआइए नाराज है। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तथ्यों का सत्यापन किए बिना उन्हें मीडिया में लीक करने से जांच प्रभावित हो सकती है। शुरुआती जांच में इस हत्याकांड के पीछे आतंकी विचारधारा से प्रेरित स्थानीय समूह का हाथ नजर आ रहा है। अभी तक इनके किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से जुड़े होने के सुबूत नहीं मिले हैं।

अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संबंध के फिलहाल सुबूत नहीं

एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को कन्हैयालाल तेली की हत्या के बाद राजस्थान पुलिस की एटीएस ने रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को रात में गिरफ्तार किया था। अगले दिन गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआइए ने नई एफआइआर दर्ज करते हुए दोनों आरोपितों को अपनी हिरासत में ले लिया। सिर्फ एक दिन की पूछताछ के आधार पर राजस्थान के डीजीपी ने आरोपितों का पाकिस्तान के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से संपर्क का भी दावा कर दिया। उदयपुर के एक व्यापारी की हत्या से लेकर जयपुर में बम धमाके की साजिश में इनके हाथ होने के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों की पुष्टि के लिए फिलहाल कोई आधार नहीं है।

उदयपुर हत्याकांड में स्थानीय गिरोह का हो सकता है हाथ

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फोरेंसिक जांच के लिए आरोपितों के मोबाइल और लैपटाप का मिरर इमेज तैयार करने में तीन दिन का समय लग जाता है। इसके बाद उसका विस्तृत डाटा जांच अधिकारियों को मिल पाता है। राजस्थान पुलिस एक दिन में ही आरोपितों के मोबाइल फोन से सारे तथ्य निकालने का दावा कर रही है। कन्हैयालाल तेली हत्या मामले में एक आरोपित गौस मोहम्मद के दावत-ए-इस्लामी से संपर्क के बारे में राजस्थान के डीजीपी के दावे के बारे में पूछे जाने पर एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें इस दावे की पुष्टि के लिए अभी तक कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं।

राजस्थान पुलिस ने किया था पाक स्थित संगठन से संबंध का दावा

उन्होंने कहा कि सिर्फ दावत-ए-इस्लामी से संपर्क के आधार पर उदयपुर हत्याकांड के पीछे उसका हाथ होने का दावा करना सही नहीं है। उनके अनुसार, एनआइए घटना की गहराई से जांच कर रही है। जल्द ही वह सुबूतों के आधार पर पूरी साजिश का खुलासा करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन अधिकारी इसकी जांच में जुटे हैं। आरोपितों को दिल्ली नहीं लाया जाएगा, बल्कि जयपुर की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही जयपुर स्थित एनआइए के कार्यालय में उनसे पूछताछ की जाएगी।