- अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के साथ ही पाकिस्तान उसकी खुफिया संस्था आईएसआई की बांछे खिली हुई हैं. जम्मू-कश्मीर समेत नेपाल बांग्लादेश के रास्ते आतंकियों को घुसपैठ के लिए तैयार तैनात किया जा रहा है. हालांकि सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों समेत भारतीय सेना भी ऐसी किसी संभावित चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. रविवार को भी उरी सेक्टर में कुछ संदिग्ध गतिविधियों के सामने आने पर भारतीय सेना ने गहन सर्च ऑपरेशन छेड़ दिया है. सेना घुसपैठ की इस संदिग्ध घटना को गंभीरता से इसलिए भी ले रही है, क्योंकि छह साल पहले पाकिस्तान पोषित आतंकी उरी में अल सुबह आतंकी हमला कर लगभग 20 जवानों को मारने में सफल रहे थे.
घुसपैठ का प्रयास विफल फिर भी सघन तलाशी अभियान
रक्षा प्रवक्ता कर्नल एमरोन मसावी ने भी संदिग्ध घुसपैठ की पुष्टि करते हुए बताया कि 18-19 सितंबर की रात को एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी. इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. हालांकि सूत्रों की मानें तो संदिग्ध घुसपैठिये पाक अधिकृत कश्मीर में वापस लौट गए हैं. बताते हैं कि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ देख सेना के जवानों ने फायरिंग कर दी. सेना के जवान मान कर चल रहे हैं कि घुसपैठ का प्रयास असफल हो गया है. इसके बावजूद ऐहितियातन सघन तलाशी की जा रही है. उरी वैसे भी आतंकियों की घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है.