News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

एकनाथ शिंदे के लिए राहत लाया सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ें उद्धव ठाकरे को क्यों हो रहा पछतावा


नई दिल्ली, महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। एकनाथ शिंदे गुट की उद्धव ठाकरे की तत्कालीन सरकार से बगावत पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कई अहम टिप्पणियां की है।

कोर्ट ने इसी के साथ महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका पर कहा कि फिलहाल इसपर कोई भी फैसला देना जल्दबाजी होगी। आइए, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें…

  1. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि मामले में अभी कोई भी फैसला नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट ने इसी के साथ मामले को 7 जजों की बड़ी पीठ को मामला सौंप दिया। पीठ में जस्टिस एम आर शाह, कृष्ण मुरारी, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे।
  2. शीर्ष न्यायालय ने अपने फैसले में कई बड़ी टिप्पणियां भी की। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का पिछले साल 30 जून को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुलाना उचित नहीं था।
  3. कोर्ट ने शिंदे सरकार को राहत देते हुए कहा कि जब तक बड़ी बेंच कोई फैसला नहीं देती तब तक यथास्थिति बनी रहेगी, क्योंकि उद्धव की तत्कालीन सरकार को अब बहाल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और इस्तीफा दे दिया, अगर उद्धव इस्तीफा नहीं देते तो आज फैसला कुछ और होता।
  4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए सदन में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के इशारे पर शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल के लिए उचित था।
  5. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि स्पीकर का शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना के व्हिप के रूप में नियुक्त करने का फैसला भी “अवैध” था।
  6. पीठ ने आगे कहा कि राज्यपाल का ठाकरे को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए बुलाना भी उचित नहीं था क्योंकि उनके पास इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कोई कारण नहीं था कि ठाकरे ने सदन का विश्वास खो दिया है।
  7. कोर्ट ने इसी के साथ कहा कि राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार न तो संविधान और न ही कानून देता है।
  8. SC ने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे के साथ उनके गुट के 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला वो नहीं ले सकते हैं और इसपर स्पीकर ही फैसला ले सकते हैं।
  9. शीर्ष अदालत ने 2016 के नबाम रेबिया के फैसले को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा भी संदर्भित किया, जो विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर की शक्ति से संबंधित है।
  10. मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा। उद्धव के नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात पर दोनों ने कहा कि ये सब उनका नाटक है।