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नहीं रहे चंडीगढ़ के लंगर बाबा पद्मश्री जगदीश लाल आहूजा


चंडीगढ़ । Langar Baba Passed Away पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के बाहर लंगर लगाकर लोगों का पेट भरने वाले लंगर बाबा के नाम से मशहूर जगदीश लाल आहूजा का सोमवार को देहांत हो गया। लंगर बाबा के नाम से मशहूर जगदीश लाल आहूजा बीते 40 से अधिक वर्षों से पीजीआइ, जीएमसीएच-32 और विभिन्न कालोनी में जरुरतमंदों के लिए लंगर लगाते रहे हैं। जरुरतमंदों को खाना खिलाने के लिए जगदीश लाल आहूजा ने अपनी करोड़ों की संपत्ति तक बेच दी। जीवन की अंतिम सांस तक उन्होंने लंगर की प्रथा को जारी रखा।

जगदीश लाल आहूजा का लोगों के प्रति समर्पण के लिए 25 जनवरी 2020 को भारत सरकार की ओर से उन्हें पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की गई थी। लंगर बाबा को बीते दिनों राष्ट्रपति भवन की ओर से पद्मश्री अवार्ड लेने के लिए निमंत्रण भी मिला था। आठ नवंबर को नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया जाना था, लेकिन तबीयक खराब होने के कारण वह दिल्ली में पद्मश्री लेने नहीं पहुंच सके। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों की ओर से जगदीश आहूजा को उनके घर पर ही पद्मश्री देने के लिए आना था, लेकिन उससे पहले ही वह दुनिया को अलविदा कह गए।