द्रौपदी मुर्मू की ओर से नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किया गया। एक सेट में 50 प्रस्तावक होते हैं। भाजपा-राजग के लगभग सभी मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री प्रस्तावक हैं। राजग घटक दलों के कुछ सांसद भी प्रस्तावक के रूप नजर आए। बीजद के सांसद भी प्रस्तावकों की सूची में शामिल रहे। पहले सेट के प्रस्तावकों में पहला नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रहा।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर पर द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के कागजात तैयार करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इसमें प्रस्तावक और उनका समर्थन करने वालों की सूची तैयार करने के साथ-साथ उनके हस्ताक्षर भी लिए गए। नामांकन दाखिल करने के बाद मुर्मू सभी राज्यों का दौरा करेंगी और विभिन्न पार्टियों के प्रमुखों और वरिष्ठ नेताओं का समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगी।
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है। वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। जदयू और बीजद के समर्थन की घोषणा के बाद द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना तय माना जा रहा है। जनजातीय समाज से आने के कारण संप्रग के भी कुछ सहयोगी दलों के मुर्मू के समर्थन में आने की उम्मीद है। संप्रग ने यशवंत सिन्हा को अपना साझा प्रत्याशी बनाया है। यदि मुर्मू जीतती हैं, तो जनजातीय समाज से आने वाली पहली राष्ट्रपति के साथ-साथ वे सबसे कम उम्र की भी राष्ट्रपति होंगी। दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले ओडिशा में एक संक्षिप्त बयान में मुर्मू ने कहा था, मैं सभी का धन्यवाद करती हूं और सभी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए सहयोग मांगती हूं।
इससे पहले दिल्ली पहुंचीं राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात के बाद कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात की। राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी की देश भर में और समाज के सभी वर्गो द्वारा सराहना की जा रही है। जमीनी समस्याओं के प्रति उनकी समझ और भारत के विकास को लेकर उनकी दृष्टि उत्कृष्ट है।’
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने राजग के राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू जी से मिलकर उन्हें बधाई दी। उनके नाम की घोषणा से ही जनजातीय समाज गौरव की अनुभूति कर रहा है। मुझे विश्वास है कि उनके प्रशासनिक और सार्वजनिक अनुभव का लाभ पूरे देश को मिलेगा।