केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकने के लिए नए दिशा-निर्देशों जारी किए, जिनके तहत उन्हें आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटाने, जांच में सहायता करने और शिकायत समाधान तंत्र स्थापित करने के लिए कहा गया. इस बीच शुक्रवार को एमेजॉन प्राइम इंडिया की कमर्शियल हेड अर्पणा पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने अर्पणा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. हालांकि उन्हें जांच में सहयोग करना होगा. अर्पणा की अग्रिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. दरअसल, वेबसीरीज तांडव के चलते लखनऊ में दर्ज FIR पर गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर अर्पणा ने सुप्रीम अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
OTT प्लेटफॉर्म की सामग्री पर नियंत्रण के लिए बने नियमों पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि इनमें जुर्माना लगाने या मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान नहीं हैं. बिना उचित कानून पास किए नियंत्रण नहीं हो सकता. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 2 हफ्ते में हम ड्राफ्ट कानून कोर्ट में पेश करेंगे.
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कई बार अश्लील सामग्री दिखाई जातीः सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कई बार किसी न किसी तरह की अश्लील सामग्री दिखाई जाती है और इस तरह के कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है. साथ ही, न्यायालय ने केंद्र से सोशल मीडिया के नियमन के लिए उसके दिशा-निर्देश के बारे में बताने को कहा है. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि वह सोशल मीडिया के नियमन संबंधी सरकार के हालिया दिशा-निर्देशों के बारे में शुक्रवार को जानकारी दें.
अर्पणा पुरोहित ने अपनी याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 25 फरवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें वेब सीरीज ‘तांडव’ को लेकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में दिए गए अग्रिम जमानत के उनके अनुरोध को अदालत ने अस्वीकार कर दिया था. पीठ ने कहा था, ”संतुलन कायम करने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री भी दिखाई जा रही है.”