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एशिया-प्रशांत में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती पर बौखलाया चीन,


बीजिंग, । चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से स्पुतनिक एजेंसी ने बताया कि चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में जमीन पर आधारित मध्यम दूरी की मिसाइलों की अमेरिका की तैनाती का कड़ा विरोध करता है। मंत्रालय ने कहा, ‘चीन ने कई बार मध्यम दूरी की मिसाइलों के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से व्यक्त की है और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एशिया-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में किसी भी रूप में मध्यम दूरी की जमीन पर आधारित मिसाइलों की तैनाती का कड़ा विरोध किया है।’

17 दिसंबर को, रूसी विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा गारंटी पर रूस और अमेरिका और नाटो के बीच मसौदा समझौते प्रकाशित किए था। दस्तावेज पहले ही वाशिंगटन और उसके सहयोगियों को सौंपे जा चुके हैं। समाचार एजेंसी ने बताया कि एक बिंदु से पता चलता है कि नाटो यूक्रेनी क्षेत्र में गैर-विस्तार की गारंटी प्रदान करता है।

रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने स्पुतनिक एजेंसी से कहा कि अगर नाटो और अमेरिका सुरक्षा गारंटी की रूस की मांग का जवाब नहीं देते हैं, तो इससे नए टकराव पैदा हो सकते हैं।

बता दें कि मेरिका और पश्चिमी देशों से मुकाबले के लिए चीन रूस के साथ है। यह बात पिछले हफ्ते बुधवार को वीडियो काल के जरिये चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कही। यूक्रेन के मसले पर इस समय रूस और अमेरिका की अगुआई में पश्चिमी देशों के बीच वाक्युद्ध छिड़ा हुआ है। रूस ने यूक्रेन पर हमला न करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यूक्रेन को नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल न किए जाने की शर्त पर उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

बातचीत में पुतिन और चिनफिंग ने दोनों देशों के मामलों में अमेरिका समेत सभी पश्चिमी देशों के दखल को खारिज किया और सुरक्षा हितों के लिए उठाए अपने कदमों को उचित बताया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के नाम पर चीन और रूस के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप हो रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए निर्धारित मानदंडों के खिलाफ है।