- नई दिल्ली : ऑनलाइन गेमिंग पर पाबंदी लगाने के लिए कर्नाटक विधानसभा में बिल पेश किया गया है। इसे भारतीय स्टार्टअप सेक्टर और गेमर्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि कर्नाटक विधानसभा में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित विधेयक से देश के स्टार्टअप सेक्टर, भारतीय गेमिंग और एनिमेशन उद्योग और लाखों भारतीय गेमर्स और एक्सपोर्ट्स प्लेयर को नुकसान होगा। कर्नाटक पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2021, 17 सितंबर को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया।
कर्नाटक विधानसभा में इस सप्ताह इस विधेयक पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस बिल में जहां ऑनलाइन जुए पर बैन लगाने का प्रस्ताव है, वहीं बिल में एक क्लॉज भी पेश किया गया है जो कौशल के सभी ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाएगा। यह ड्रीम 11, नजरा, एमपीएल, गेम्स 24-7 और पेटीएम फस्र्ट गेम्स जैसे भारतीय स्टार्टअप को प्रभावित करेगा। डेटा प्लेटफॉर्म ट्रेक्सन के मुताबिक, भारत में 623 गेमिंग स्टार्टअप हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई को संबोधित एक पत्र में, कैट के राष्ट्रीय महासचिव, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ‘दुर्भाग्य से, कर्नाटक बिल कौशल के खेल(गेम ऑफ स्किल) और मौके के खेल(गेम ऑफ चांस) के बीच अंतर नहीं करता है। गेम ऑफ चांस पूरी तरह से जुआ है और सही ढंग से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हालांकि, बिल के दायरे में गेम्स ऑफ स्किल को शामिल करके, यह न केवल स्थापित न्यायशास्त्र के खिलाफ है बल्कि संपन्न भारतीय गेमिंग स्टार्टअप क्षेत्र के लिए खतरा है।’